Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी जिले के रामनगर गांव में एक परिवार ने 18 साल की उम्र में ही युवती को देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया. जब युवती बालिग हुई तो उसने इस देह व्यापार के धंधे से बाहर निकलकर खुद का घर बसाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई. तब परिवार के लोग ही दीवार बनकर खड़े हो गए. युवती ने अपना जीवन साथी भी चुन लिया. इस पर प्रशासन ने खुद की मौजूदगी में शादी कराने का निर्णय लिया और गांव में ही शादी करवाई. बूंदी जिले के तीन गांव रामनगर, मोहनपुरा, शंकरपूरा में देह व्यापार का धंधा जोरों पर चल रहा है. इन गांव में बेटी पैदा होते ही दलालों को बेच दिया जाता है, जिनकी कीमत लाखों रुपये में होती है. जब युवती बालिग होती है और समझदार हो जाती है तो इन दलालों का विरोध कर अपना जीवन बसाने के लिए जीवनसाथी चुन लेती हैं और प्रशासन के सामने सुरक्षा की गुहार लगाती हैं. बूंदी प्रशासन भी ऐसे मामलों में बढ़-चढ़कर इनकी शादियों को उत्साह के साथ करवाता है और समाज की इन कुरीतियों को खत्म करने के लिए एक पल शुरू करता है, ताकि इस कुर्तियां को खत्म कर जिस्म फरोशी के दलालों पर लगा लगाई जा सके.
विवाह में प्रशासन और जनप्रतिनिधि बने साक्षी
रामनगर गांव में युवती का विवाह रचाया गया. इस दौरान बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा, एएसपी उमा शर्मा, सभापति सरोज अग्रवाल ने विवाह में कन्यादान किया और हिंदू रीति-नीति के साथ विवाह हुआ. बकायदा गांव में एक सादे समारोह आयोजित किया गया, जिसमें गांव भर के लोग मौजूद थे. कई सामाजिक संगठन जन प्रतिनिधि और प्रशासनिक ओर पुलिस विभाग के अधिकारी इस विवाह के साक्षी बने. नवयुगल जोड़े को घर बसाने के लिए कई रेड क्रॉस, नगर परिषद सहित कई सामाजिक संगठन उपहार स्वरुप घरेलु सामान भेंट किए. एनडीटीवी से बातचीत करते हुए नव विवाहित जोड़े ने कहा कि हमने प्रशासन से शादी को लेकर गुहार लगाई थी. प्रशासन ने मेरा सहयोग किया इसके लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहते हैं. हमारे समाज में यह बड़ी खतरनाक कुरीति है, जिससे खत्म करना होगा ताकि समाज में बेटियों की इज्जत बची रहे.
MLA और ASP ने की उज्जवल भविष्य की कामना
इस अवसर पर बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने नव वरवधु को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि कुरीतियों को त्यागकर शिक्षा के मार्ग को अपनाएं. रामनगर गांव में कई बार देह व्यापार के मामले सामने आए हैं और प्रशासन से गुहार लगाने पर युवक-युवती की शादी भी करवाई है. हमारी कोशिश है कि इस गांव को समाज के मुख्य धारा में लाकर इस कुरीति को खत्म किया जाए. वहीं एडिशनल एसपी उमा शर्मा ने कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस सख्ती बरत रही है और आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है. एक अच्छी सोच है कि युवतियां देह व्यापार से निकालकर समाज की मुख्य धारा में आ रही हैं. समाज के सभी वर्ग मिलकर इसमें सहयोग करेंगे. प्रशासन और पुलिस इनके साथ खड़ी है. दोनों शादी करना चाहते हैं. पुलिस की सुरक्षा से सभी समाज का सहयोग मिला. सामाजिक बुराईयों को मिटाने में समाज की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. बच्चों की शिक्षा की ओर विशेष ध्यान दिया जाए. इसी से समाज प्रगति करेगा.
बेटी के देह व्यापार की कमाई से चल रहा घर
CWC अध्यक्ष सीमा पोदार ने बताया कि लगभग 20 वर्षीय युवती (जो 6 बहन और दो भाई हैं) माता-पिता के साथ अपने पैतृक गांव में ही देह व्यापार का काम लगभग 5 साल से कर रही थी. बालिका के सभी बहन भाई स्कूल जाते हैं. परंतु महिला को प्राथमिक विद्यालय के बाद पढ़ाई छुड़वा दी गई थी. महिला पिछले 5 सालों में अपने माता-पिता को कमाई देती आ रही है. इसी बीच महिला को इन्हीं के गांव का रहने वाले एक ग्रामीण से विवाह करने का निश्चय किया. लड़का मुंबई में मजदूरी करता है. परंतु मां-बाप ने 20 से 25 लाख रुपये की डिमांड की और महिला लड़के के पास मुंबई चली गई. माता-पिता आए दिन महिला को फोन करके और लड़के के परिवार वालों को धमका रहे थे. मामला जैसे ही हमारे संज्ञान में आया तो बूंदी पुलिस के माध्यम से परिजनों को पाबंद करवाया और जिस युवक से युवती शादी करना चाहती थी, उसे विवाह रचाया.
बूंदी जिले के रामनगर, मोहनपुरा, शंकरपुर गांव में देह व्यापार का धंधा जोरों पर चल रहा है. एनडीटीवी से बातचीत करते हुए रामनगर के सरपंच बालक दास ने बताया कि समाज में कुछ लोग आज भी देह व्यापार का धंधा जोरों से कर रहे हैं. उनमें कुछ पंच पटेल भी शामिल हैं. हालांकि बदलते वक्त और नए कानूनी प्रक्रिया के तहत लोगों में सुधार आने लगा है. जो लोग इस व्यापार के दंगल में फंस चुके हैं, उन्हें जागरूकता अभियान चलाकर बाहर निकलवाया जा रहा है और उनकी शादियां करवाकर उनके घर बसाए जा रहे हैं. सरपंच बालक दास बताते हैं कि बेटी पैदा होने के साथ ही गांव के कुछ लोग दलालों के संपर्क में आकर लाखों रुपये में बेच देते हैं, जिनकी समय-समय पर सूचना देकर कार्रवाई करवाई जा रही है. वहीं समाजसेवी और पार्षद टीकम जैन ने बताया कि हमारी कोशिश है कि इस तरीके के मामले में जन सहयोग से युवक युवतियों का विवाह करवाया जाए. ये हो भी रहा है, ताकि समाज नई दिशा की ओर जा सके. अब तक सामाजिक संगठनों ने 25 से अधिक शादियां करवाई हैं. वहीं पिछले 10 सालों की बात की जाए तो 200 से अधिक शादी करवाकर उनका घर बसाया है.
दोनों का चल रहा है जीवन कुशलNDTV राजस्थान की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया है कि जिन युवतियों ने प्रशासन के सहयोग से अपने मनपसंद युवकों से विवाह रचाया है, उनका जीवन सकुशल चल रहा है. इसी बीच हमें राम नगर गांव में माया नमक के युवती भी मिला, जिसका भी कुछ दिनों पहले प्रशासन ने विवाह करवाया था. हमारी बातचीत में युवती ने कहा कि उनका घर अच्छा चल रहा है. प्रशासन द्वारा जो कार्य करवाया जा रहा है, वह बहुत अच्छा है. ऐसी कुरीतियां समाज में खत्म होना चाहिए.
ये भी पढ़ें:- उदयपुर का एकलिंग महादेव मंदिर, जहां बिना दर्शन किये नहीं बनता मेवाड़ का 'महाराणा', जानिए क्या है मान्यता