PTI Bharti Exam 2022: 204 उम्मीदवारों पर लटकी तलवार, SOG की कार्रवाई में हुआ था बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा

Rajasthan news: राजस्थान में पीटीआई भर्ती परीक्षा 2022 में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है. इसके चलते माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने अजमेर समेत सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को जांच के आदेश जारी किए हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

PTI Recruitment Exam 2022: राजस्थान में पीटीआई भर्ती परीक्षा 2022 में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब जांच की गति तेज हो गई है, जिसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने अजमेर समेत सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को जांच के आदेश जारी किए हैं. इसके तहत भर्ती से जुड़े सभी अभ्यर्थियों का रिकॉर्ड 15 सितंबर तक विभाग को उपलब्ध कराने को कहा गया है. इनमें 2017 से 2021 तक भर्ती में चयनित कुल 204 अभ्यर्थियों की सूची, चयन प्रक्रिया, सत्यापन दस्तावेज और नियुक्ति विवरण शामिल होंगे. इसके साथ ही अजमेर जिले से रिकॉर्ड जुटाने की कवायद भी शुरू हो गई है.

SOG की कार्रवाई में फर्जी डिग्री रैकेट का पर्दाफाश

इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) ने 165 अभ्यर्थियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया. जांच में पता चला कि इन अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश के जेएस विश्वविद्यालय द्वारा जारी फर्जी डिग्रियों के आधार पर नौकरी हासिल की थी.

चौंकाने वाली बात यह थी कि विश्वविद्यालय को वर्ष 2017 से दो वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम की केवल 100 सीटों के लिए मान्यता प्राप्त थी, जबकि इन अभ्यर्थियों ने विभिन्न शैक्षणिक सत्रों की फर्जी डिग्रियां जमा की थीं. एसओजी की जांच में सत्र 2017-19, 2018-20, 2019-21 और 2020-22 में केवल एक अभ्यर्थी की मार्कशीट ही वैध पाई गई, बाकी ने या तो बाद में डिग्री छपवाई या भर्ती के समय फर्जी दस्तावेज जमा किए.

ये रहा नोटिस

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 सांचौर-जालौर के 14 अभ्यर्थी भी फंसे

SOG  ने अपनी कार्रवाई में बताया था कि यूनिवर्सिटी के सर्वर एक्सेस से लिए गए बैकअप डेटा ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया.जांच में यह भी सामने आया कि सांचौर और जालौर के 14 अभ्यर्थी भी इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं. शिक्षा विभाग का मानना है कि जिलों से जुटाए जा रहे रिकॉर्ड के आधार पर जल्द ही दोषियों की जिम्मेदारी तय होगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इसी के बाद अजमेर समेत पूरे प्रदेश में जिला शिक्षा अधिकारी अब भर्ती से जुड़े दस्तावेज़ खंगाल रहे हैं, ताकि स्पष्ट हो सके कि किन-किन अभ्यर्थियों ने फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरी हासिल की. इस कार्रवाई के बाद पीटीआई भर्ती घोटाले की परतें तेजी से खुलने लगी हैं और शिक्षा विभाग पर पारदर्शिता बनाए रखने का दबाव और बढ़ गया है.

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