भाजपा नेता सतीश पूनिया का कांग्रेस पर तीखा हमला, कहा- राहुल गांधी की न्याय यात्रा 'सियासी पाखंड'

भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया को पार्टी ने तीन लोकसभा बीकानेर, श्रीगंगानगर और चूरू का प्रभारी बनाया है. शनिवार को पूनिया श्रीगंगानगर संसदीय क्षेत्र में पहुंचे. जहां भाजपा के प्रमुख कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला.

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कार्यकर्ताओं को संबोधित करते भाजपा नेता सतीश पूनिया.
हनुमानगढ़:

INDIA Alliance: भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा चुनावों के लिए बीकानेर, श्रीगंगानगर और चूरू लोकसभा क्षेत्र के क्लस्टर प्रभारी सतीश पूनिया आज हनुमानगढ़ जंक्शन पहुंचे. हनुमानगढ़ में उन्होंने पूर्व मंत्री डॉक्टर रामप्रताप के निवास पर श्रीगंगानगर सांसद निहालचंद और डॉ. रामप्रताप के साथ चुनावों को लेकर चर्चा की.

मोदी फोबिया से ग्रसित

इस मुलाक़ात के बाद पूनिया ने भाजपा जिला कार्यालय में पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान सतीश पूनिया ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेता वैचारिक रूप से कमजोर हैं. साथ ही मोदी फोबिया से ग्रसित है. वहीं नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन में आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बिहार के भविष्य में के बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता. इसके अलावा राहुल गांधी की न्याय यात्रा के सवाल पर सतीश पूनिया ने कहा कि यह यात्रा पाखंड के अलावा कुछ नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को जोड़ने का काम कर रहे हैं.

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राहुल की यात्राएं सियासी पाखण्ड

भाजपा जिला कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूनिया बोले कि राहुल गांधी की यात्राएं सियासी पाखण्ड जैसी दिखती हैं. जिसका आउटपुट कांग्रेस पार्टी को नहीं मिलता है. देश के प्रधानमंत्री देश को जोड़ने के लिए हर उस जगह की यात्रा की जहां-जहां रामजी के पग पड़े. 

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जोड़ती नहीं तोड़ती है 'न्याय यात्रा'

दूसरी तरफ राहुल गांधी की नीति-नियत सामने आ जाती है कि जिस मणिपुर में दो समुदाय टकराते हैं. उसको राजनैतिक रंग देने का प्रयास किया जाता है. पूनिया के अनुसार पूर्वाेत्तर की राजनीति में यहीं कंट्रास्ट (अंतर) है कि एक तरफ मोदी देश को जोड़ने का काम करते हैं. वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी न्याय यात्रा के नाम पर जोड़ने नहीं तोड़ने का काम कर रहे है.

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इंडिया गठबंधन वैचारिक रूप से कमजोर 

एक सवाल के जवाब में पूनिया ने विपक्षी पार्टियों पर हमला बोलते हुए कहा कि इन पार्टियों के लोग मनोवैज्ञानिक और नीतिगत तौर पर काफी कमजोर हो चुके हैं. इसलिए यह कितने भी गठबंधन कर लें, कितनी ही बातें कर लें, लेकिन आपस में इनके स्वार्थ इतने टकराते हैं कि इनकी एकता भी असंभव है. एकता होती भी है तो मोदी के रहते हुए इनकी सफलता मुश्किल है.

वाजपेयी ने 26 दलों के साथ सफल सरकार चलाई 

पूनिया ने आगे कहा कि देश में 'गठबंधन की राजनीति' को भाजपा ने हमेशा ताकत दी है. अटल बिहारी वाजपेयी ने 26 दलों को एक साथ लेकर बनाई सरकार को सफलता से चलाया था. लोकतंत्र की बड़ी ताकत है कि यहां विचारों की असहमति हो सकती है लेकिन देश के लिए लोकतंत्र की मजबूती जरूरी है.

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