Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से 198 उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी है. राजस्थान की बात करें तो राजस्थान में भी भाजपा ने अपने 15 उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं. भाजपा अपने नए-नए एक्सपेरिमेंट करने के लिए जानी जाती है.
राहुल कस्वां के टिकट कटने की चर्चाएं राजनैतिक गलियारों में गूंज रही हैं. अब चर्चा है कि क्या सांसद राहुल कस्वां भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ पकड़कर चूरू से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे ? चूरू लोकसभा क्षेत्र कस्वां परिवार का गढ़ रहा है, यहां पर सांसद राहुल कस्वां खुद दूसरी बार चूरू से सांसद हैं उनके पिता राम सिंह कस्वां भी चूरू से सांसद रह चुके हैं. राहुल कंस्वा के दादा भी चुरू से सांसद रह चुके हैं
चर्चाओं का बाजार गर्म है कि अगला कदम राहुल कस्वां का क्या होगा? राहुल कस्वां ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि, राम-राम मेरे चूरू लोकसभा परिवार! लेकर विश्वास-पाकर आपका साथ, देकर हर संकट को मात, ध्येय मार्ग पर बढ़ते जाएंगे, उत्थानों के शिखर चढ़ते जाएंगे. आप सभी संयम रखें. आगामी कुछ दिन बाद आपके बीच उपस्थित रहूंगा, जिसकी सूचना आपको दे दी जाएगी.
आखिर क्यों कटा राहुल कस्वां का टिकट?
माना जा रहा है कि कस्वां को चूरू लोकसभा सीट पर राजेंद्र राठौड़ से अदावत महंगी पड़ी है. विधानसभा चुनाव के बाद से ही राहुल कस्वां और राठौड़ के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था. इसकी परिणिति रही कि एक महीने पहले ही चूरू लोकसभा सीट पर एक पोस्ट भी जमकर वायरल हुआ, जिसमें लिखा था 'मोदी तुमसे बैर नहीं राहुल- हमें स्वीकार नहीं' इसके अलावा राजेंद्र राठड़ ने तारानगर से चुनाव हारने के बाद उनके द्वारा दिया गया एक बयान भी लगातार चर्चाओं में रहा था.
'हार में बहुत से 'जयचंदों' ने भी अपनी भूमिका निभाई है'
राजेंद्र राठौड़ ने भी अपने बयान के जरिए अपने ही पार्टी के कुछ नेताओं पर कटाक्ष किया था. चुनाव हारने के बाद चूरू के सादुलपुर में राठौड़ ने पहली बार स्वीकार किया कि उनके कुछ नेताओं ने भीतरघात किया. इस दौरान राठौड़ ने कहा था कि, 'जनता का फैसला स्वीकार्य है लेकिन इस हार में बहुत से 'जयचंदों' ने भी अपनी भूमिका निभाई है.
वायरल ऑडियो ने बढ़ाई थी दरार
गत विधानसभा चुनाव के बाद सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुई थी. इस ऑडियो में प्रदेश संगठन के एक नेता और भाजपा समर्थक आपस में बात कर रहे थे. वे बीजेपी सांसद राहुल कस्वां पर हार का ठीकरा फोड़ रहे थे. उस ऑडियो रिकॉर्डिंग में कहा जा रहा था कि राहुल कस्वां ने राठौड़ से भीतरघात किया है, जिसकी वजह से राठौड़ को हार का सामना करना पड़ा.
कौन है देवेंद्र झाझड़िया जिन पर भाजपा ने चला है दांव ?
पद्मभूषण पुरस्कार पाने वाले देश के पहले पैरा एथलीट देवेंद्र झाझड़िया ने तीन ओलंपिक में देश को मेडल दिलाया है. उनके इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत ही उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. झाझड़िया राजस्थान के पहले खिलाड़ी हैं, जिन्हें यह अवार्ड दिया गया है.
पिछले साल टोक्यो पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीता
पिछले साल टोक्यो पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले झाझड़िया एथेंस 2004 और रियो 2016 के पैरा ओलंपिक खेलों में भी देश के लिए स्वर्ण पदक जीत चुके हैं. उन्होंने सबसे पहले 2004 के एथेंस पैरालंपिक गेम्स में सफलता हासिल की थी, जहां जैवलिन में 62.15 मीटर थ्रो फेंककर गोल्ड मेडल जीता था. वो पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं.
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