Rain In Rajasthan: राजस्थान में बारिश ने मचाई तबाही, धौलपुर में खरीफ की फसल हुई पूरी तरह चौपट

20 दिनों से खेतों में करीब 3 फीट पानी भरा होने से फिलहाल पानी सूखने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है. किसानों ने बताया कि शासन और प्रशासन के द्वारा पानी निकालने की कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था पर ध्यान नहीं देने से पिछले कई वर्षों से किसानों का भारी नुकसान हो रहा है.

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Dholpur News: आसमान से बरसी बारिश अन्नदाता किसान के लिए आफत बन गई है. तालाब, पोखर, जलाशय के साथ-साथ खेत खलिहान पानी से लबालब हो गए हैं. बरसात ने इस बार ग्रामीण इलाके को पानी-पानी कर दिया है. खरीफ फसल के लिए बरसात आफत बनकर बरस रही है. खेतों में खड़ी फसल चौपट होने के कगार पर पहुंच गई है. बारिश से किसानों को मवेशी पालने के लिए चारे का भी संकट खड़ा हो गया है.

किसानों ने बताया कि बरसात ने काश्तकारों के सपनों पर पानी फेर दिया है. खरीफ की बाजार,दलहन, तिलहन, ज्वार,ग्वार मक्का समेत मिर्च, पालक, धनिया, घिया तोरई आदि सब्जी की नगदी फसलें भी बर्बाद हो रही है. पिछले दिनों हुई बरसी बारिश ने इलाके में त्राहि त्राही मचा दी है. खेतों में 3 फीट तक पानी भरने से फसल बर्बाद हो रही है.

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2 हजार एकड़ जमीन पानी में डूबी

धौलपुर, बसेड़ी एवं सैपऊ उपखंड क्षेत्र के बोरेली, कुनकटा, नगला रायजीत, खेमरी, कान्हा का नगला, सहरोली, फूटे का नगला, रजोरा खुर्द, सेमरा, कैथरी, राजा का नगला, ठाकुर दास का नगला समेत दो दर्जन गांव के खेत जल भराव से तालाब के रूप में तब्दील हो गए हैं. खेती की लगभग 2 हजार एकड़ जमीन पानी में डूबी पड़ी हैं. खेतों में खड़ा हरा चारा अब सड़ने के कगार पर हैै. किसानों का कहना है कि महंगे खाद बीज डालकर दो बार फसल उगाने की तैयारी की थी लेकिन आसमानी आफत ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है.

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20 दिनों से खेतों में 3 फीट पानी भरा

20 दिनों से खेतों में करीब 3 फीट पानी भरा होने से फिलहाल पानी सूखने की कतई संभावना दिखाई नहीं दे रही है. किसानों ने बताया शासन और प्रशासन के द्वारा पानी निकालने की कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था पर ध्यान नहीं देने से पिछले कई वर्षों से किसानों का भारी नुकसान हो रहा है. किसान द्वारिका तोमर ने बताया कि पिछले कई वर्षों से खरीफ की फसल के चौपट होने और रबी फसल के रकवा के हिसाब से बोवनी नहीं होने से न केवल अनाज का संकट बना हुआ है,बल्कि पशुओं के लिए चारों की समस्या भी गहरा गई है.

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बरसात ने काश्तकारों के सपनों पर पानी फेर दिया

चारे पर भी संकट

किसानों ने बताया खरीफ फसल तो चौपट हो रही है, साथ में चारा भी बर्बाद हो रहा है. किसानों के पास फसल के अलावा दूसरा जरिया आजीविका का मवेशी पालन रह जाता है. लेकिन चार बर्बाद होने से मवेशी पालन में भी संकट का सामना करना पड़ रहा है. अगर समय रहते समस्या का इंतजाम नहीं किया गया तो लोग खाने कमाने के लिए गांव छोड़ शहरों को पलायन करने को मजबूर होंगे.

रबी की फसल भी होगी प्रभावित

किसान हरि सिंह ने बताया खरीफ फसल लगभग चौपट हो चुकी है. आगामी रवि फसल पर भी संकट आ सकता है. उन्होंने बताया खेतों में 3 फीट पानी भरा होने से समस्या जटिल बन गई है. खेतों में इतना पानी भरा है कि रवि फसल की बुवाई करने तक पानी सूखने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है.

अन्नदाता की मुआवजे की मांग

फसल खराबे को लेकर किसान प्रशासन और सरकार से उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं. किसानों ने बताया महंगे खाद बीज और कीटनाशक दवाएं डालकर खरीफ फसल की बुवाई की थी. फसल उगकर खेतों में तैयार भी हो गई थी. लेकिन एन वक्त पर बरसात का दौर शुरू हो गया. बरसात ने ऐसी तबाही मचाई कि फसल को बुरी तरह से बर्बाद कर दिया है. किसानों ने बताया प्रशासन और राज्य सरकार को उचित मुआवजे की व्यवस्था करनी चाहिए.

खरीफ फसल लगभग चौपट हो चुकी है

राज्य सरकार को भेजी जाएगी फसल खराबे की रिपोर्ट

तहसीलदार राहुल कुमार धाकड़ ने बताया जिले में हुई बारिश से खरीफ फसल में नुकसान हुआ है. राज्य सरकार ने फसल खराबे की गिरदावरी कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया इलाके में राजस्व विभाग की टीम किसानों से रूबरू होकर फसल का सर्वे कर रही है. फसल खराबे की रिपोर्ट राज्य सरकार को शीघ्र सोंपी जाएगी. राज्य सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक किसानों को मुआवजा दिलाया जाएगा.

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