Deeg News: राजस्थान में मानसून मेहरबान हो रहा है. कई दिन से लगातार बारिश हो रही है जिसके कारण कई जगह बाढ़ के जैसे हालात हो गए हैं. कई जगह बरसाती नालों और नदियों में लोगों की डूबने से मौत हो रही है. बारिश के बाद सरकार की बदइंतजामी की भी पोल खुल रही है. रविवार को डीग जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसके बाद हर कोई यही कह रहा है 'क्या खराब व्यवस्था है यार'.
रविवार को भारी बारिश के बीच एक बच्चे के अंतिम संस्कार के लिए उसके परिजनों को श्मशान घाट में चिता को ढंकने के लिए एक छत भी नहीं मिली. दरअसल डीग जिले के बाढ़ गांव में रविवार को एक सात साल के देव की पीलिया के चलते मौत हो गई. लगातार हो रही बारिश के बीच ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव देह को श्मशान घाट लेकर पहुंचे लेकिन वहां चिता को ढंकने के लिए टिन शेड तक नहीं था.
लकड़ियों के सहारे उठाई टिन शेड
जिसके बाद टिन शेड को चारों तरफ़ से लकड़ियों की बल्लियों के सहारे बरसात से बचाने के लिए उसे उठाकर अंतिम संस्कार किया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि दो साल पहले मुक्तिधाम के निर्माण कार्य के लिए पांच लाख रुपए स्वीकृत थे, लेकिन शमशान घात की छत का काम नहीं कराया गया. पहाड़ी विकास अधिकारी मुरारी लाल गौतम ने बताया कि यह मामला बेहद गंभीर है आगे इसकी जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश
प्रदेश के कुछ जिलों में मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर, दौसा जिलों के जिलाधिकारियों ने सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में सोमवार को अवकाश घोषित किया है. राजस्थान में रविवार को जयपुर समेत पांच जिलों अलवर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा में भारी बारिश दर्ज की गई. करौली और हिंडौन में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये है. राजधानी जयपुर में दिनभर से रुक-रुक कर हो रही बारिश का दौर देर रात तक जारी रहा.
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