Rajasthan: 11 साल की सौम्या ने टेनिस में जीते कई मेडल, अब पाकिस्तान में करेगी भारत का प्रतिनिधित्व

जयपुर की 11 वर्षीय सौम्या चौधरी ने अंडर-12 टेनिस में ऑल इंडिया रैंकिंग में दूसरा स्थान हासिल कर राजस्थान का नाम रोशन किया है. वहीं भारतीय टीम में चुनी गई सौम्या अब 26 से 30 मई 2025 को इस्लामाबाद में साउथ एशिया टेनिस चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी.

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11 वर्षीय सौम्या चौधरी.

Rajasthan News: राजस्थान में जयपुर की 11 वर्षीय सौम्या चौधरी ने अपनी मेहनत और लगन से टेनिस की दुनिया में बड़ा मुकाम हासिल किया है. अंडर-12 कैटेगरी में ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन की रैंकिंग में दूसरा स्थान पाकर सौम्या ने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे राजस्थान का नाम गौरवान्वित किया है. उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें भारतीय टीम में जगह दिलाई है. अब सौम्या 26 से 30 मई 2025 तक पाकिस्तान के इस्लामाबाद में होने वाली साउथ एशिया टेनिस चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी.

महज 7 साल की उम्र से शुरू हुआ सफर

सौम्या ने 7 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय कोच सुमित गुप्ता के मार्गदर्शन में टेनिस खेलना शुरू किया. पहली बार राजसमंद में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में उन्होंने क्वार्टर फाइनल तक जगह बनाई. इसके बाद उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की. सौम्या अपनी सफलता का श्रेय कोच सुमित गुप्ता, मां सुनीता चौधरी और परिवार को देती हैं.

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परिवार समाजसेवा की मिसाल

सौम्या मूल रूप से झुंझुनू जिले के बड़वासी गांव की हैं, लेकिन उनका जन्म जयपुर में हुआ. उनका परिवार अब जयपुर के विद्याधर नगर में रहता है. सौम्या के दादा श्रीचंद चौधरी एक प्रसिद्ध व्यवसायी और समाजसेवी हैं. उनके पिता राहुल चौधरी और मां सुनीता भी व्यवसाय से जुड़े हैं. सौम्या नीरजा मोदी स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा हैं. 

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देश के लिए गोल्ड मेडल का सपना

सौम्या का सपना है कि वे इस्लामाबाद में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करें. हाल ही में सौम्या अपने परिवार के साथ सवाई माधोपुर पहुंचीं, जहां उनके दादा और पिता का होटल व्यवसाय है. सौम्या ने बताया कि वे भविष्य में अंतरराष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी बनना चाहती हैं. उनके दादा श्रीचंद का भी सपना है कि सौम्या देश के लिए गोल्ड जीते. वे बड़वासी और सवाई माधोपुर में मुफ्त टेनिस कोर्ट बनाकर जरूरतमंद बच्चों को प्रशिक्षण देना चाहते हैं.

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राजस्थान की बेटी बनेगी देश की उम्मीद

सौम्या की यह उपलब्धि हर उस बच्चे के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखता है. उनकी मेहनत और जुनून ने साबित कर दिया कि उम्र कोई बाधा नहीं होती. राजस्थान अब सौम्या की जीत की दुआ कर रहा है.

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