Rajasthan Suspected Teacher: राजस्थान में अब शिक्षकों की भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. इस बारे में शिक्षा विभाग और पुलिस ने संयुक्त रूप से खुलासा किया है. इसमें कहा गया है कि साल 2018 से साल 2021 के बीच हुई लेवल-1 शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा किया गया है. इसमें कई ऐसे शिक्षक पाए गए हैं जिनका फोटो और हस्ताक्षर मैच नहीं कर रहा है. जबकि कई फर्जी दस्तावेज के जरिए शिक्षक के रूप में नियुक्त प्राप्त की है. चौंकाने वाला मामला यह है कि इन फर्जी शिक्षकों में सबसे ज्यादा जालोर से शिक्षक हैं.
121 अभ्यर्थियों ने डमी कैंडिडेट के जरिए हासिल की नौकरी
प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर की जांच में पता चला कि 2016, 2018 और 2021 की शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में 121 अभ्यर्थियों ने डमी कैंडिडेट बैठाकर नौकरी हासिल की है. इन मामलों में परीक्षा में बैठने वाले और नौकरी करने वाले व्यक्ति अलग-अलग पाए गए, वहीं कई के फोटो और हस्ताक्षर भी मेल नहीं खा रहे. राज्य सरकार के निर्देश पर पिछले 5 वर्षों की भर्ती की जांच के लिए निदेशालय ने संभाग स्तर पर 4 सदस्यीय कमेटियां बनाई थीं. जांच में डिग्री और रीट प्रमाणपत्र भी कई मामलों में संदिग्ध मिले. विभाग ने 2 जांच रिपोर्टें एसओजी को भेजी हैं.
जालोर में 114 संदिग्ध शिक्षक
बताया जा रहा है कि शिक्षा निदेशालय की रिपोर्ट में 72 से अधिक शिक्षकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. वहीं इससे पहले 49 शिक्षकों के खिलाफ FIR दर्ज किया गया था. यानी कुल 121 शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. वहीं चौंकाने वाली बात यह है कि केवल जालोर में 114 संदिग्ध शिक्षक पाए गए हैं. जबकि उदयपुर में 4, पाली में 2 और जयपुर में 1 शिक्षक है जिसपर मामला दर्ज किया गया है. मामले की जांच एसओजी के डीएसपी जितेंद्र नावरिया को सौंपी गई है.
किस साल के परीक्षा में कितने संदिग्ध
बता दें 121 संदिग्ध शिक्षकों में से सबसे अधिक रीट 2018 की परीक्षा में संदिग्ध है इसमें 54 शिक्षक संदिग्ध हैं. जबकि 2022 में भी 43 शिक्षकों की भर्ती हुई है जो संदिग्ध पाए गए हैं.
- रीट 2016 लेवल-1 : 02
- रीट 2018 लेवल-1 : 54
- रीट 2018 लेवल-2 : 05
- रीट 2021 लेवल-1 : 11
- रीट 2022 लेवल-1 : 43
- रीट 2022 लेवल-2 : 06
बता दें, इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ, जब कुछ जिलों से शिकायतें आईं कि नियुक्त अध्यापकों के शैक्षणिक दस्तावेज संदिग्ध हैं. कई मामलों में जन्मतिथि, जाति प्रमाण पत्र और योग्यता प्रमाण पत्र मेल नहीं खा रहे थे. शिक्षा विभाग ने प्रारंभिक जांच में पाया कि अभ्यर्थियों ने न केवल फर्जी मार्कशीट लगाईं, बल्कि परीक्षा के दौरान भी संगठित तरीके से नकल कराई गई. इसके बाद विभाग ने मामले को पुलिस को सौंपा.
शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इन 72 अभ्यर्थियों की सेवाएं तत्काल समाप्त करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही इनसे अब तक मिली वेतन राशि की रिकवरी का भी आदेश हुआ है.
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