Rajasthan Paper Leak: ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा की संपत्ति कुर्क की

मामला आरपीएससी द्वारा आयोजित वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड-द्वितीय प्रतियोगी परीक्षा, 2022 के सामान्य ज्ञान विषय के प्रश्न पत्र के लीक से संबंधित है. जो 21, 22 और 24 दिसंबर को राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जानी थी.

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जयपुर:

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate-ED) ने राजस्थान लोक सेवा आयोग (Rajasthan Public Service Commission-RPSC) के पूर्व सदस्य और एजेंटों की तीन करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है. यह कुर्की राज्य के एक शिक्षक भर्ती घोटाले की मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) जांच के तहत की गई है.

केंद्रीय एजेंसी के अनुसार बाबूलाल कटारा Babulal Katara (पूर्व सदस्य आरपीएससी), सुरेश कुमार उर्फ ​​​​सुरेश बिश्नोई, सुरेश ढाका, भूपेन्द्र सारण और अनिल मीना उर्फ ​​शेर सिंह की संपत्तियों को कुर्क करने के लिए 18 अगस्त को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अंतरिम आदेश जारी किया गया था.  

एजेंसी ने प्रत्येक आरोपी की संपत्ति का मूल्य अलग-अलग जारी नहीं किया है, लेकिन कुर्क की गई संपत्ति का कुल मूल्य 3.11 करोड़ रुपये बताया है. मामला आरपीएससी द्वारा आयोजित वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड-द्वितीय प्रतियोगी परीक्षा, 2022 (RPSC 2nd Grade Teacher) के सामान्य ज्ञान विषय के प्रश्न पत्र के लीक से संबंधित है. जो 21, 22 और 24 दिसंबर को राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जानी थी.

ईडी ने कहा कि कटारा ने प्रश्नपत्र को अनिल मीना उर्फ ​​शेर सिंह मीना को बेचा, जिसने आगे भूपेन्द्र सरन, सुरेश ढ़ाका और अन्य एजेंटों को बेच दिया. इसमें आरोप लगाया गया कि लीक हुए पेपर को प्रति अभ्यर्थी 8-10 लाख रुपये में बेचा गया था. ईडी ने कहा कि पेपर को उदयपुर में लगभग 150 उम्मीदवारों और राज्य की राजधानी जयपुर में 30 उम्मीदवारों को बेचा गया.

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एजेंसी के अनुसार आरोपी पेपर लीक रैकेट और प्रतियोगी परीक्षाओं में डमी उम्मीदवारों की नियुक्ति जैसे विभिन्न कदाचार में शामिल थे. मनी लॉन्ड्रिंग का मामला राजस्थान पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर से उपजा है. इस मामले की जांच में राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने कटारा और अन्य को गिरफ्तार किया था.

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