Rajasthan News: कहते हैं पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती, इसी बात को सच साबित किया है उदयपुर ग्रामीण विधानसभा से लगातार तीन बार विधायक रहे फूल सिंह मीणा ने. 67 वर्षीय फूल सिंह मीणा विधायक बनने से पहले 7वीं कक्षा तक पास थे, लेकिन अब एमए पॉलिटिकल साइंस से फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहे है. यह सब हुआ पहली बार विधायक बनने के बाद. साल 2013 में वह 40 साल बाद शिक्षा से जुड़े और 10वीं कक्षा की परीक्षा दी. क्योंकि उनकी 5 बेटियों ने कहा था कि आप भाषण में सभी बच्चों को शिक्षित होने की बाद कहते हैं तो खुद को शिक्षित होना जरूरी है. आइए जानते हैं उदयपुर ग्रामीण विधायक मीणा के शिक्षा के सफर के बारे में...
3 बार में पास की दसवीं की परीक्षा
फूल सिंह मीणा भारतीय जनता पार्टी से उदयपुर ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक है. इससे पहले बीजेपी पार्षद सहित पार्टी के कई पदों पर रहे. उनके पांचों बेटियां है, वर्ष 2013- 14 की बात है जब फूल सिंह मीणा पहली बार विधायक बने. इनका विधानसभा क्षेत्र का कुछ हिस्सा शहरी और ज्यादातर हिस्सा जन जातीय क्षेत्र से जुड़ा है. पहली बार विधायक बनने के बाद कई कार्यक्रमों में जाते थे तो जनजातीय क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा से जुड़े भाषण देते थे.
एक दिन उनकी बेटियों ने कहा कि आप बच्चों को पढ़ाई लिखाई करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं तो खुद को भी शिक्षा में आगे बढ़ाना होगा. विधायक ने बेटियों से कहा कि 40 साल हो चुके हैं पढ़ाई छोड़े, अब कैसे होगी पढ़ाई. बेटियां 10वीं का प्रवेश फॉर्म लाई और भर दिया. विधायक मीणा ने तीन अटेम्प्ट में 10वीं पास की.
40 साल बाद पकड़ी कलम
फूल सिंह मीणा ने बताया कि पहली बार परीक्षा देने गया तो अटपटा सा लगा क्योंकि 40 साल बाद कलम पकड़ी और परीक्षा दे रहा था. तीन बार में 10वीं पास की और उसके बाद एक भी बार फेल नहीं हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि पिता अपने बच्चों को पढ़ाता है, लेकिन मुझे तो मेरी बेटियों ने पढ़ाया. अब जब तक नाम के आगे डॉ. नहीं जुड़ जाता तब तक पढूंगा. उन्होंने यह भी कहा कि मुझे बेटियों ने पढ़ाया तो सोचा विधानसभा क्षेत्र में जनजातीय बच्चियों को भी पढ़ाकर आगे बढ़ाना चाहिए. उन्हीं के प्रोत्साहन यानी बालिका प्रोत्साहन के लिए हर पंचायत की टॉपर छात्रा को हवाई यात्रा करवाता हूं, 5 बार हवाई यात्रा करवा चुका हूं. इससे हुआ ये कि हवाई यात्रा करने वाली कोई बच्ची टीचर है तो कोई पटवारी.
इतनी व्यस्तता के साथ कैसी की पढ़ाई?
सवाल उठता हैं कि राजनीतिक के सफर में, जहां लगातार बैठके, दौरे और कार्यक्रमों में जाना होता है तो ऐसे में विधायक मीणा ने पढ़ाई कैसे की. पढ़ाई के लिए समय कैसे निकाला. ऐसे में फूल सिंह मीणा जब 12वीं कक्षा में पहुंचे तो उनकी मुलाकात एक सरकारी शिक्षक से हुई जो जरूरतमंद बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग देते हैं.
सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल संजय लूणावत ने पेपर पर नोट्स बनाए, ऑडियो और वीडियो रिकॉर्ड को और विषयक मीणा को भेजते गए. जब मीणा वाहन में सफर करते या अन्य कोई भी समय मिल जाता तो वह इन नोट्स के जरिए पढ़ाई करते हैं. यहीं नहीं परीक्षा के 15 दिन पहले छुट्टी लेते और मोबाइल को बंद करके पढ़ाई करते.
बेटियों ने लाकर दिया 10वीं का फॉर्म
विधायक की बेटी सुमन मीणा ने कहा कि स्कूल में भाषण देते हुए पिता को सुना, तब मन में आया कि पापा को शिक्षा करनी चाहिए. फिर एक दिन हम पांचों बहने उनके पास बैठे और उन्हें पढ़ाई करने की कहा. हम पहले से ही 10वीं का प्रवेश फॉर्म लेकर आ गए थे. शुरू में उनको समस्या आई लेकिन ना हमने हार मानी ना पापा ने.
विधायक का राजनीतिक सफर
वर्ष 1974 में 7वीं के बाद पढ़ाई छोड़ी और कोटा गए
वर्ष 2004 में पार्षद बनें.
वर्ष 1998-2005 तक जिला मंत्री रहे.
2005-2009 में BJP ST मोर्चा के अध्यक्ष थे.
2003 में एमएलए की दावेदारी की थी.
2004 में जिला परिषद का चुनाव हार गए थे.
2008 में एमएलए की दावेदारी की थी.
पहली बार 2013 में 13764 वोट से जीते.
2018 में 18707 वोट से जीते.
2023 में 27345 वोट से जीते.
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