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This Article is From May 20, 2025

'राजस्थान को न स्पेशल पैकेज मिला, न ERCP पर अमल हुआ' PM मोदी के बीकानेर दौरे पर बोले सचिन पायलट

राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री मोदी बीकानेर दौरे से पहले सवाल उठाया. साथ ही बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता को लेकर विधानसभा में निष्पक्षता की मांग की है.

'राजस्थान को न स्पेशल पैकेज मिला, न ERCP पर अमल हुआ' PM मोदी के बीकानेर दौरे पर बोले सचिन पायलट
सचिन पायलट (फाइल फोटो-PTI)

Rajasthan Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई को बीकानेर दौरे पर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री के बीकानेर दौरे को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं. पीएम मोदी देश के 103 रेलवे स्टेशनों का सामूहिक वर्चुअल उदघाटन और जल्द ही तैयार होने वाले रेलवे स्टेशनों का शिलान्यास भी करेंगे. इसके बाद वह देशनोक स्थित विश्व प्रसिद्ध करणी माता मन्दिर भी जाएंगे, जहां माता के दर्शन कर वे उनका आशीर्वाद लेंगे. अब कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रधानमंत्री के बीकानेर दौरे पर सवाल उठाए हैं.

'सिर्फ भाषण देकर लौट जाते हैं'

मंगलवार को मीडिया से बातचीत में सचिन पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री कई बार राजस्थान आए, चुनाव से पहले भी और बाद में भी, लेकिन हर बार केवल भाषण देकर लौट जाते हैं. राजस्थान को कोई ठोस घोषणा नहीं मिलती. इस बार तो कम भाजपा के सांसद जीते हैं, लेकिन पिछली बार तो सारे जीते थे. जब बजट पढ़ा जाता है तो कान तरस जाते हैं, राजस्थान का नाम सुनने के लिए. वित्त मंत्री जब तीन-तीन घंटे बजट का भाषण देती हैं, तब राजस्थान का जिक्र तक नहीं होता. 

अगर प्रधानमंत्री जी राजस्थान आएं तो राजस्थान के लिए कुछ बड़ी घोषणा भी करनी चाहिए. खासकर ERCP को, जो उन्होंने राष्ट्रीय परियोजना बनाने की घोषणा की थी. उस पर तो अमल करना चाहिए. 

कंवरलाल मीणा सदस्यता पर क्या बोले पायलट

बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता को लेकर राजस्थान विधानसभा में निष्पक्षता की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप सब जानते हैं, राहुल गांधी की जबरदस्ती सदस्यता रद्द की गई थी और बिना किसी कारण के की गई थी. राजस्थान में भाजपा विधायक के मामले में सब कुछ स्पष्ट है, कोर्ट का आदेश आ चुका है, तो स्पीकर इस पर एक्शन क्यों नहीं ले रहे हैं?

इसमें निष्पक्षता का प्रदर्शन होना चाहिए, दो मापदंड नहीं होने चाहिए. कोर्ट का निर्णय है, कोई पार्टी ने आरोप नहीं लगाया. कोर्ट के निर्णय के बाद आज जो स्थापित मापदंड हैं, उसके बावजूद भी आप एक्शन नहीं ले रहे यह पक्षपातपूर्ण तरीका है.
अगर सरकार के दबाव में या पार्टी के दबाव में विधानसभा में काम हो रहा है, तो यह बिल्कुल गलत है. ऐसा नहीं होना चाहिए.

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