विधायक फंड घोटाले पर भजनलाल सरकार का बड़ा एक्शन, 2 बड़े अधिकारियों पर गिरी गाज

विधायक निधि में कमीशनखोरी को लेकर एक समाचार पत्र में खबर प्रकाशित हुई थी, जिसमें बीजेपी, कांग्रेस और एक निर्दलीय विधायकों का स्टिंग ऑपरेशन किया गया और उसका वीडियो भी सामने आया.

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विधायक फंड घोटाले पर भजनलाल सरकार का बड़ा एक्शन

Rajasthan MLA Corruption: राजस्थान में 3 विधायकों के भ्रष्टाचार को लेकर स्टिंग ऑपरेशन की खबर सामने आने के बाद पहली बड़ी कार्रवाई हुई है. नागौर जिले में खींवसर विधानसभा क्षेत्र की विधायक निधि से कराए गए कामों में अनियमितता और कमीशन की मांग के आरोप में जिम्मेदार अधिकारी पर गाज गिर गई है. मूंडवा के एसीबीईओ एवं कार्यवाहक मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को निलंबित किया गया है. इसके साथ ही करौली जिले के डीईओ के खिलाफ भी बड़ा एक्शन लिया गया है. 

एसीबीईओ पर कमीशन मांगने का आरोप

शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक, मूंडवा, नागौर के एसीबीईओ व कार्यवाहक मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कैलाश राम पर विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों के एवज में कमीशन और सामान की मांग का आरोप है. इस संबंध में स्थानीय समाचार पत्रों में खबरें भी प्रकाशित हुई थीं. विभाग ने कहा कि उनके कृत्य से सरकारी सेवा की गरिमा और विभाग की छवि धूमिल हुई है, जो लोकसेवक आचरण संहिता का उल्लंघन है. 

करौली के जिला शिक्षा अधिकारी भी निलंबित

इसी के बाद उनको निलंबित करते हुए मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) बांसवाड़ा से अटैच कर दिया गया है. इस दौरान उन्हें नियमानुसार निर्वाह भत्ता देय होगा. इसके साथ ही, जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक शिक्षा–मुख्यालय) करौली पुष्पेन्द्र कुमार शर्मा को भी राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है.

निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, राजस्थान बीकानेर रहेगा और उन्हें भी नियमानुसार निर्वाह भत्ता मिलेगा. शिक्षा विभाग ने पुष्पेन्द्र शर्मा को “पदस्थापन आदेशों की प्रतीक्षा” में रखे जाने संबंधी पूर्व आदेश को भी निरस्त कर दिया है.

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भ्रष्टाचार को लेकर 3 विधायकों का स्टिंग ऑपरेशन

बता दें कि विधायक निधि से कमीशन खाने को लेकर स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो में खींवसर विधायक रेवंत राम डांगा नजर आ रहे थे. जिसमें कमीशन की बात हो रही थी. जब स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो से मामला गरमाया तो खींवसर से बीजेपी विधायक ने प्रतिक्रिया देते हुए आरोपों को निराधार और गलत बताया. उन्होंने कहा कि वह बंदा मेरे पास आया था. वह पहले भी चार बार आ चुका था और कुछ दिन पहले भी आया था.

बार-बार आकर वह मुझसे स्वीकृति के बारे में बात कर रहा था. मैंने उसे स्पष्ट रूप से मना कर दिया था. मैंने उससे कहा कि जो स्वीकृति दी जाती है, वह गांव वालों की मांग और धरातल स्तर पर जनप्रतिनिधियों तथा गांव के लोगों से पूछ-समझकर, उनकी मांग के अनुरूप ही स्वीकृति निकाली जाती है. खींवसर विधायक रेवंत राम डांगा के अलावा हिंडौन से कांग्रेस विधायक अनीता जाटव और बयाना (भरतपुर) से निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत का स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो आया और विधायक निधि में भ्रष्टाचार को लेकर समाचार पत्र में खबर प्रकाशित हुई थी.  

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