Rajasthan: बैंड-बाजे वालों, हलवाईयों और पंडितों पर होगी कार्रवाई, क्या है राजस्थान पुलिस का ऑपरेशन लाडली? 

राज्य पुलिस की महानिदेशक (सिविल राइट्स एवं एएचटीयू) मालिनी अग्रवाल के अनुसार, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के की शादी कराना कानूनन अपराध है.

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Operation Ladli: राजस्थान में अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा जैसे त्योहारों के दौरान बाल विवाह की घटनाओं में बढ़ोतरी को देखते हुए राज्य पुलिस ने एक विशेष अभियान की शुरुआत की है. ‘ऑपरेशन लाडली' नामक यह अभियान 26 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा. इसका मकसद न केवल बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकना है, बल्कि समाज को इसके प्रति जागरूक करना और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करना भी है.

21 वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी कराना कानूनन अपराध

राज्य पुलिस की महानिदेशक (सिविल राइट्स एवं एएचटीयू) मालिनी अग्रवाल के अनुसार, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के की शादी कराना कानूनन अपराध है. इसके बावजूद कई ग्रामीण इलाकों में परंपरा और सामाजिक दबाव के चलते यह प्रथा अब भी जारी है, जिसे समाप्त करना बेहद ज़रूरी हो गया है. अभियान का मुख्य फोकस ऐसे ही ग्रामीण क्षेत्रों पर रहेगा, जहां बाल विवाह के मामले अधिक सामने आते हैं.

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सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी

साथ ही विवाह आयोजकों, टेंट हाउस संचालकों, बैंड-बाजे वालों, हलवाईयों और पुरोहितों को पाबंद किया जाएगा कि बाल विवाह की सूचना तुरंत पुलिस को दें. अनदेखी की स्थिति में उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी और उन्हें सुरक्षा तथा उचित प्रोत्साहन भी दिया जाएगा.

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धार्मिक व सामाजिक आयोजनों पर भी पुलिस की पैनी नजर होगी

अभियान के दौरान स्कूलों, गांवों और ब्लॉक स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी और विभिन्न सरकारी व गैर-सरकारी संगठनों की मदद से लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों और कानूनी पहलुओं के बारे में जागरूक किया जाएगा. दीवार लेखन, रैलियां, नुक्कड़ नाटक, डॉक्यूमेंट्री फिल्में, शपथ ग्रहण समारोह, होर्डिंग्स और अखबारों में विज्ञापनों के जरिए व्यापक जन-जागरूकता फैलाई जाएगी. धार्मिक व सामाजिक आयोजनों पर भी पुलिस की पैनी नजर होगी.

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