कार सेवक अविनाश की मौत पर मां को है गर्व, कहा- 'अयोध्या से प्राण प्रतिष्ठा न्योता का इंतजार है'

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या में तैयारियां जोरों पर हैं और राम लाल को 22 जनवरी को विराजमान किया जाएगा. इस दौरान के अजमेर के अविनाश के परिजनों को उम्मीद है कि उन्हें भी निमंत्रण दिया जाएगा, क्योंकि उनके बेटे ने कार सेवा के दौरान अपनी जान गंवाई थी.

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कार सेवा के दौरान मृत अविनाश की तस्वीर के साथ उसके माता-पिता

Ajmer News: रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या (Ayodhya)  में तैयारियां जोरों पर हैं और राम लाल को 22 जनवरी को विराजमान किया जाएगा. इस अवसर पर भव्य आयोजन होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे. आपको बता दें राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद हो रहा है. राम भक्तों ने मंदिर की लड़ाई काफी लंबी लड़ी इस दौरान सैकड़ों भक्तों ने अपनी जानें भी गंवाई. राजस्थान के अविनाश महेश्वरी ने भी 1992 में हुई कार सेवा के दौरान अपनी जान गंवा दी थी.

'बेटे ने सनातन धर्म की रक्षा की'

अजमेर के फायसागर रोड निवासी अविनाश महेश्वरी के माता-पिता को सरकार की ओर से राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण पाने की उम्मीद है. अयोध्या मे 1992 की कार सेवा के दौरान मृत हुए अजमेर के अविनाश महेश्वरी के माता-पिता, अपने लाडले के बलिदान को सनातन की धर्म की रक्षा के लिए मानते है. अविनाश के परिजनों का मानना है कि 6 दिसंबर 1992 को 19 वर्षीय अविनाश महेश्वरी ने सनातन धर्म के लिए अपना बलिदान दिया था.

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कार सेवक अविनाश पर फेंका दिया गया था बम

शहीद अविनाश महेश्वरी के पिताजी मानक चंद महेश्वरी बताते हैं कि 1992 मे 6 दिसंबर को अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहाने के लिए पूरे देश से कार सेवक अयोध्या पहुंचे थे, इस दौरान ढांचे (बाबरी मस्जिद) को तोड़ने के समय एक कार सेवक जख्मी हो गया था, जिसे अविनाश महेश्वरी अपने साथियों के साथ एक एंबुलेंस में अस्पताल ले जा रहे थे. इसी दौरान एक अन्य मजदूर घायल होने की सूचना अविनाश महेश्वरी को मिली, तो वह अयोध्या में ही टेढ़ा सर्कल नाम से एक जगह पर उतर गए, जहां पर सामाजिक तत्वों ने उन पर बम फेंक दिया था.

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उपचार के दौरान हो गई मौत

अविनाश माहेश्वरी ने उस बम को कैच करके वापस असामाजिक तत्वों पर फेंक दिया. मगर इस बीच बम फट गया और अविनाश के चेहरे पर बम के छर्रे लग गए. जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए. गंभीर हालत में अविनाश महेश्वरी को अन्य कार सेवक अस्पताल लेकर पहुंचे जहां, चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

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अविनाश की मां को है अपने बेटे पर गर्व

अविनाश महेश्वरी की माताजी अक्षय माहेश्वरी ने बताया कि उन्हें आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके बेटे पर गर्व है. क्योंकि भगवान श्री राम लला का मंदिर बन रहा है, जिस काम के लिए उनके बेटे ने बलिदान दिया था. वह काम अब पूरा हो रहा है, बेटे का बलिदान सार्थक हुआ. 

अगर अयोध्या से निमंत्रण पत्र नहीं मिला तो उसके बाद वह अपने सहयोगियों के साथ 22 जनवरी को अपने निवास स्थान पर अखंड श्री रामायण पाठ का आयोजन रखेंगे. बाद में अयोध्या जाकर श्री राम लाल को प्रणाम करेंगे.

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