राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में किन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष, रणनीति हो चुकी है तैयार

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कल राज्यपाल का अभिभाषण हैं अभिभाषण के दौरान किसी तरह का हंगामा नहीं होगा. लेकिन सरकार के जो फ़ैसले जन विरोधी हैं उसका विरोध किया जाएगा.

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Rajasthan Budget Session: राजस्थान में 16वीं विधानसभा सत्र शुक्रवार यानी 31 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. ऐसे में जहां सत्ता पक्ष अपनी तैयारियों में जुटा है. वहीं विपक्ष भी सत्ता पक्ष को घेरने के लिए रणनीति तैयार कर ली है. विपक्ष किन मुद्दों को विधानसभा में उठाएगा और सरकार से कौन-कौन से सवाल किए जाएंगे इसे लेकर विपक्ष की ओर से पूरी रणनीति तैयार हो चुकी है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने साफ किया है कि गलत नीतियों का विरोध किया जाएगा.

राजस्थान विधानसभा में विधायक दल की बैठक में सरकार को घेरने के मुद्दों पर चर्चा के बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा सदन सर्वसम्मति से चलें. जनहित के मुद्दों पर चर्चा हो हमारी मंशा यही है लेकिन विपक्ष सरकार की ग़लत नीतियों ग़लत फैसलों का विरोध करेगा.

किन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कल राज्यपाल का अभिभाषण हैं अभिभाषण के दौरान किसी तरह का हंगामा नहीं होगा. लेकिन सरकार के जो फ़ैसले जन विरोधी हैं. पिछली सरकार की योजनाओं को बंद करने के निर्णय उत्तर का विरोध किया जाएगा. कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर के निलंबन को वापस लेने के प्रस्ताव को लेकर जूली ने कहा इसे लेकर सकारात्मक चर्चा हो गई है. संभवत कल राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सदन में प्रस्ताव रखा जाए.

डोटासरा ने बताया किन मुद्दों पर सरकार हो रही फेल

वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा राजस्थान सरकार पूरी तरह से विफल है. सरकार की हालत खेत में खड़े उस झाऊलो की तरह हो गई है, जिसका न सर का का पता है ना ही पीछे का पता है. राजस्थान में क़ानून व्यवस्था बदहाल है किसान परेशान है महिला अपराध बढ़ रहा है. ना तो अधिकारियों के तबादले हो रहे और ना ही जनता के काम हो रहे है. 

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सरकार के मंत्री को हटाने के लिए दिल्ली से पर्ची नहीं आ रही. अगर जल्दी नहीं हटाया गया तो दो तीन मंत्रियों की पर्ची निकाल देंगे. डोटासरा ने कहा इस बार सदन में विपक्ष सरकार के ख़िलाफ़ पुरज़ोर तैयारी के साथ उतरने वाला है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मंत्रियों को तैयारी के साथ भेजने के दिशानिर्देशों के साथ ख़ुद सदन में आकर भी देखना चाहिए. राजस्थान में शिक्षा विभाग के सूर्य नमस्कार को अनिवार्य करने के फ़ैसले पर कहा राजस्थान के शिक्षा मंत्री को शिक्षा का 'श' भी नहीं आता है. उनकी परफॉर्मेंस पर अलग से चर्चा होनी चाहिए.

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