Rajasthan Assembly By Election: 7 विधानसभा सीटों पर दाखिल नामांकन में 11 पत्र रद्द, 5 सीटों में दौसा में सबसे ज्यादा पत्र खारिज

राजस्थान विधानसभा उपचुनाव के लिए 25 अक्टूबर तक 94 प्रत्याशियों ने कुल 118 नामांकन-पत्र प्रस्तुत किए थे. जांच में कुल 11 नामांकन-पत्र रद्द किए गए. नामांकन-पत्र वापसी की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

Rajasthan Assembly By Election: राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी है. प्रदेश के सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. ऐसे में नामांकन दाखिल की तारीख खत्म होने के बाद स्कूटनी का काम भी पूरा हो चुका है. सात विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव में दाखिल नामांकन पत्रों में से आयोग द्वारा 11 पत्रों को सोमवार (28 अक्टूबर) को रद्द कर दिया गया है. आयोग ने इस बारे में जानकारी दी है. बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा दौसा विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा 4 नामांकन खारिज हुए हैं.

अधिकारी ने बताया कि राजस्थान में उपचुनाव के लिए सात विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों के नामांकन-पत्रों की सोमवार को जांच हुई. 25 अक्टूबर तक 94 प्रत्याशियों ने कुल 118 नामांकन-पत्र प्रस्तुत किए थे. जांच में कुल 11 नामांकन-पत्र रद्द किए गए. नामांकन-पत्र वापसी की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर है.

5 विधानसभा सीटों पर 11 नामांकन हुए खारिज

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि जांच के दौरान दौसा विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक चार नामांकन-पत्र रद्द किए गए हैं. खींवसर और देवली-उनियारा में दो-दो तथा झुंझुनू, चौरासी और सलूम्बर में एक-एक नामांकन खारिज किए गए हैं. रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कोई भी नामांकन-पत्र रद्द नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि सलूंबर विधानसभा सीट पर बीजेपी की ओर से दो उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया था. जिसमें एक का नाम खारिज कर दिया गया है. हालांकि, यह नाम अविनाश मीणा का है जो बीजेपी के अमृतलाल मीणा के बेटे हैं. अमृतलाल मीणा के निधन के बाद ही सलूंबर सीट खाली हुई थी. इस सीट पर बीजेपी की ओर से उनकी पत्नी शांता देवी चुनाव लड़ेंगी, उनका पर्चा वैध है.

7 विधानसभा सीटों पर अब 84 उम्मीदवार

महाजन के अनुसार, सात विधानसभा क्षेत्रों में पर्चा दाखिल करने के बाद 94 उम्मीदवार थे. लेकिन अब जांच के बाद उम्मीदवारों की संख्या 84 रह गई है. बुधवार दोपहर तीन बजे तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं. अब देखना यह है कि मैदान में कितने उम्मीदवार रहते हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ेंः सचिन पायलट का बड़ा आरोप, गाय, गरीब, बेरोजगार...जातिगत गणना सारे आंकड़े दबाए है केंद्र सरकार