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सचिन पायलट का बड़ा आरोप, गाय, गरीब, बेरोजगार...जातिगत गणना सारे आंकड़े दबाए है केंद्र सरकार

सचिन पायलट ने यह भी कहा कि सरकार की मंशा हमेशा आंकड़ों को दबाने की रही है. सरकार ने गाय, गरीब, बेरोजगा, जातिगत गणना सारे आंकड़ों को छिपाया है.

सचिन पायलट का बड़ा आरोप, गाय, गरीब, बेरोजगार...जातिगत गणना सारे आंकड़े दबाए है केंद्र सरकार

Sachin Pilot: कांग्रेस के दिग्गज नेता और राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने बीजेपी सरकार पर बड़ा निशाना साधा है. सचिन पायलट ने कहा कि सरकार केवल गायों और धर्म के नाम पर वोट हासिल करना जानती है. उनके पास इस बात का कोई डेटा नहीं है कि उन्होंने गायों की सुरक्षा पर कितना खर्च किया है. वे केवल इससे वोट हासिल करना जानते हैं. लोग अंततः उन पर भरोसा करना बंद कर देंगे और उन्होंने पहले ही ऐसा कर दिया है.

सचिन पायलट ने यह भी कहा कि सरकार की मंशा हमेशा आंकड़ों को दबाने की रही है. सरकार ने गाय, गरीब, बेरोजगा, जातिगत गणना सारे आंकड़ों को छिपाया है.

उन्होंने कहा इस सरकार ने लगातार सारे आंकड़ों को जनता के सामने प्रस्तुत नहीं किया है . बेराजगारी के आंकड़े हो , गरीबी के आंकड़े हो. अपना प्रचार करने के लिए नारे देते है. हमारी पार्टी हमेशा बोलती है जातीय जनगणना करनी चाहिए. जनगणना को उन्होंने जानबूझकर कोविड के बहाने स्थगित किया है . भारत सरकार ने जातीय जनगणना तो दूर गिनना भी बंद कर दिया. 

NSSO के आंकड़ें या सांख्यिकी विभाग के आंकड़े कहां है

पायलट ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा, “केंद्र सरकार की मंशा हमेशा आंकड़ों को दबाने की है. इस सरकार ने लगातार सारे आंकड़ों को जनता के सामने प्रस्तुत नहीं किया है. चाहे वह बेरोजगारी के आंकड़े हों या गरीबी रेखा के आंकड़े हों.” उन्होंने कहा कि सरकार अपना प्रचार करने के लिए नारे देती है, लेकिन एनएसएसओ के आंकड़ें या भारत सरकार के सांख्यिकी विभाग के आंकड़े अभी सामने नहीं आए हैं.

कोविड में जानबूझकर जनगणना टाला गया

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि सरकार ने कोरोना वायरस का बाहना देकर जनगणना को जानबूझकर टाला है. उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी हमेशा बोलती रही है कि जातिगत जनगणना करनी चाहिए. लेकिन भारत सरकार ने जातिगत जनगणना तो दूर, गिनती करना भी बंद कर दिया और जो आंकड़े हमारे पास उपलब्ध हैं उनको प्रकाशित नहीं कर रहे हैं.” पायलट ने कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार आंकड़ों का खेल नहीं खेले और जनता के सामने वास्तविक स्थिति प्रकट करने के लिए आंकड़ों का चयन ढंग से करे.” उन्होंने कहा कि जनगणना में जानबूझकर विलंब किया गया है.

कांग्रेस ने नेता ने कहा, “हम चाहते हैं कि जातिगत जनगणना हो और जब तक आप लक्षित बजट आवंटन नहीं करेंगे, नीति निर्माण नहीं होगा. आपको पता नहीं होगा कि किन लोगों को कहां लाभ मिल रहा है. आप बस अपनी राजनीतिक सुविधा को देखकर अगर बजट पेश करेंगे तो उसका लाभ नहीं मिलता है. लक्षित हस्तक्षेप के लिए जाति‍गत जनगणना बहुत जरूरी है.”

उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य की जिन सात विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है वहां कांग्रेस जीतेगी.

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