Rajasthan Politics: राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया गया है. चुनाव आयोग ने देश के दो राज्यों में विधानसभा चुनाव और 13 राज्यों के 47 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है. इन 47 विधानसभा सीटों में 7 सीट राजस्थान के हैं जहां उपचुनाव कराया जाएगा. राजस्थान में 7 सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग 13 नवंबर को होनी है. जबकि इसका रिजल्ट 23 नवंबर को घोषित किया जाएगा. वहीं राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के साथ प्रदेश के 5 दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.
राजस्थान में जिन 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें दौसा, झुंझुनूं, चौरासी, खींवसर, सलूंबर, रामगढ़ और देवली उनियारा विधानसभा सीट शामिल हैं. इन सभी सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी. जबकि 18 अक्टूबर को ही इसकी नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा और 25 अक्टूबर तक नोमिनेशन की आखिरी तारीख होगी. राजस्थान की इन सात सीटें कुछ नेताओं के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनना तय माना जा रहा है.
किरोड़ी लाल मीणा का नाम सबसे पहले
दौसा लोकसभा सीट समेत 7 सीटों पर आम चुनाव के दौरान किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी. जबकि 4 सीटों पर हार की वजह से किरोड़ी लाल मीणा ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. अब वहीं दौसा विधानसभा सीट पर उपचुनाव है तो किरोड़ी लाल मीणा के पास एक बार फिर खुद को साबित करने का मौका है. जिससे किरोड़ी लाल मीणा अपनी खोयी हुई प्रतिष्ठा वापस पा सकते हैं. जबकि किरोड़ी लाल मीणा की नाराजगी दूर करने का उनके समर्थकों के पास मौका है. क्योंकि मीणा ने कई बार जनता से नाराजगी जाहिर करते हुए यह कह चुके हैं कि जिनके लिए उन्होंने इतना संघर्ष किया उन्होंने ही उन्हें नकार दिया. ऐसे में दौसा सीट पर किरोड़ी लाल मीणा की प्रतिष्ठा एक बार फिर दांव पर है.
सचिन पायलट के लिए फिर होगी चुनौती
सचिन पायलट कांग्रेस में सबसे मशहूर नेताओं में से हैं और देवली उनियारा और दौसा विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. ऐसे में सचिन पायलट के लिए इन दोनों सीट को जीतवाने की फिर से चुनौती होगी. क्योंकि उपचुनाव की तैयारी में ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा था कि सचिन पायलट किसी तरह की चुनौती नहीं हैं. इस पर काफी बवाल भी हुआ था. वहीं सचिन पायलट ने भी खुले आम मदन राठौड़ को जवाब देते हुए कहा था कि बीजेपी को मर्यादा में बोलना चाहिए. विधानसभा उपचुनाव में दो-दो हाथ होंगे तो सब कुछ सामने आ जाएगा. बता दें सचिन पायलट को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भी जिम्मेदारी पार्टी ने दी है.
खींवसर सीट पर हनुमान बेनीवाल और ज्योति मिर्धा की प्रतिष्ठा
खींवसर विधानसभा सीट पर हनुमान बेनीवाल लगातार चुनाव जीत रहे हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें खींवसर छोड़ कर उन्होंने नागौर लोकसभा सीट से जीत हासिल की है. जबकि अब खींवसर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में उनका दावा है कि उनकी पार्टी और उम्मीदवार ही इस सीट पर जीत हासिल करेगी. हालांकि बीजेपी ज्योति मिर्धा जो कई बार नागौर लोकसभा सीट और खींवसर विधानसभा सीट पर हनुमान बेनीवाल से हार चुकी हैं. इस बार खींवसर सीट पर ज्योति मिर्धा और हनुमान बेनीवाल दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर है.
राजकुमार रोत के लिए चौरासी विधानसभा सीट बचाने की प्रतिष्ठा दांव पर
चौरासी विधानसभा सीट से भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) के राजकुमार रोत ने जीत हासिल की थी. इसके बाद लोकसभा चुनाव में बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने के बाद यह सीट खाली हो गई है. ऐसे में राजकुमार रोत के लिए प्रतिष्ठा का विषय है कि चौरासी सीट को फिर से BAP के खाते में डालना. हालांकि इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों की नजर है. जबकि महेंद्रजीत सिंह मालवीय की भी प्रतिष्ठा चौरासी विधानसभा सीट से जुड़ी है और राजकुमार रोत से लोकसभा चुनाव में हार का बदला लेने का मौका है.
इन सब के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रतिष्ठा भी इस 7 विधानसभा सीट पर उपचुनाव से जुड़ी है. क्योंकि विधानसभा चुनाव 2023 के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया. वहीं इसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान 25 की 25 लोकसभा सीट पर जीत दोहराने में भजनलाल शर्मा सफल नहीं हो पाए थे. जबकि इससे पहले करणपुर विधानसभा सीट पर भी चुनाव हुआ था जिसमें बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. अब राजस्थान में भजनलाल सरकार बनने के बाद राज्य स्तर पर पहली बार 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. ऐसे में भजनलाल शर्मा के विकास कार्यों पर ही बीजेपी 7 विधानसभा सीटों पर ताल ठोकेगी. ऐसे में भजनलाल शर्मा की प्रतिष्ठा भी कहीं न कहीं दांव पर लगी है. जिसका फैसला 13 नवंबर और नतीजा 23 नवंबर को होना है.
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