केंद्रीय एजेंसियां नहीं, 5.2 करोड़ जनता तय करेगी कि राजस्थान की कुर्सी पर कौन बैठेगा: पी चिदंबरम

केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पी चिदंबरम कहा कि यह बहुत खतरनाक स्थिति है, जो लोकतंत्र पर खतरे को दिखा रही है. उन्होंने कहा कि मैं राजस्थान इसलिए आया हूं ताकि लोगों को इस खतरे से अवगत करा सकूं. 

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जयपुर में प्रेसवार्ता करते पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम

पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने गुरूवार को जयपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में केंद्र सरकार और भाजपा पर जमकर हमला बोला. उन्होंने राजस्थान में केंद्रीय एजेंसियों मसलन ईडी की कार्रवाई पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्रीय एजेंसियां सोच रही हैं कि राजस्थान के 5.2 करोड़ जनता कैसे तय करेंगी कि अगली बार राजस्थान की कुर्सी पर कौन बैठेगा.

केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पी चिदंबरम कहा कि यह बहुत खतरनाक स्थिति है, जो लोकतंत्र पर खतरे को दिखा रही है. उन्होंने कहा कि मैं राजस्थान इसलिए आया हूं ताकि लोगों को इस खतरे से अवगत करा सकूं. 

जयपुर पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्रेस वार्ता के दौरान सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व वाले राजस्थान सरकार की खूब तारीख की. उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने मुफ्त बिजली की योजना दी, 76 लाख परिवारों को 500 रुपए से गैस सिलेंडर दिए. उन्होंने कहा, राजस्थान पहला ऐसा राज्य हैं, जो 25 लाख का हेल्थ बीमा दे रही है, जबकि सरकारी अस्पतालों में ओपीडी और आईपीडी की सुविधा बिल्कुल मुफ्त है. 

राज्य सरकार के 7 गारंटियों का जिक्र करते हुए चिदंबरम ने गहलोत सरकार द्वारा ऐलान किए गए योजनाओं की तारीफ की. इस दौरान 40,000 पशुपालकों को पशुधन बीमा की गारंटी, मुफ्त शिक्षा की गारंटी और छात्र-छात्राओं को विदेशों में पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति, कॉलेज छात्रों को मुफ्त लैपटॉप और परिवार की महिला मुखिया को सालाना 10,000 रुपए की गारंटी योजना की तारीफ की. वहीं, राजस्थान रोडवेज में महिला यात्रियों को 75 फीसदी छूट का भी जिक्र किया. 

पी चिंदबरम ने राजस्थान में एक बार कांग्रेस की सरकार बनाने का आह्वान किया और जनता से आगामी 25 नवंबर को कांग्रेस के निशान मुहर लगाने की अपील की. राजस्थान में एक चरण मतदान होने है और 3 दिसंबर को मतगणना होगी.

गौरतलब है राजस्थान में पांच साल में सरकार बदलने की परिपाटी रही है, लेकिन कांग्रेस ने अपनी जन लोककल्याणकारी योजनाओं की घोषणाओं के बल इस बार रिवाज बदलने की बात कह रही है, जबकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा राजस्थान में अपनी बारी का इंतजार कर रही है. 

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