राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में पुरानी परिपाटी का धता बताकर एक बार फिर सत्ता में वापसी की जुगत में जुटी सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी अगर चुनाव जीत भी जाती है, तो सरकार का नेतृत्व कौन करेगा. इस यक्ष प्रश्न पर गुरूवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि इस पर आलाकमान विधायकों से बातचीत के बाद फैसला करेगी.
गौरतलब है पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पायलट के नेतृत्व में लड़ा था और उसमें सफलता भी पाई थी, लेकिन कांग्रेस ने अशोक गहलोत के नेतृत्व पर विश्वास जताते हुए उन्हें तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाया और भारी दवाब के बीच पायलट को डिप्टी सीएम बनाना पड़ा था. सीएम गहलोत को पिछले पांच सरकार चलाने में भी कई बार पायलट और उनके समर्थक विधायकों के दवाब के बीच काम करना पड़ा.
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘कांग्रेस में परिपाटी है। पार्टी की जीत के बाद नेतृत्व विधायकों से बात करेगा और जो भी निर्णय लिया जाएगा वह सभी को स्वीकार्य होगा. पायलट ने बात को टालते हुए कहा कि अभी राज्य में पार्टी नेताओं का सामूहिक उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए एकजुट होकर काम करना है.
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगर कांग्रेस पुरानी परिपाटी को तोड़ते हुए राजस्थान में सत्ता में वापसी करने में सफल होती है, तो पार्टी आलाकमान इस बार सचिन पायलट को सरकार का नेतृत्व सौंप भी सकती है, इसके संकेत पायलट समर्थित विधायकों और कार्यकर्ताओं की चुप्पी से भी मिलते हैं, जो पिछले पांच साल से पायलट को सीएम बनाने के लिए गहलोत सरकार गिराने तक पर अमादा थे.
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