क्या चौथी बार सीएम बनेंगे गहलोत या किसी और को मिलेगा मौका, जानिए सचिन पायलट ने क्या कहा?

पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पायलट के नेतृत्व में लड़ा था और उसमें सफलता भी पाई थी, लेकिन कांग्रेस ने अशोक गहलोत के नेतृत्व पर विश्वास जताते हुए उन्हें तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाया और भारी दवाब के बीच पायलट को डिप्टी सीएम बनाना पड़ा था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में पुरानी परिपाटी का धता बताकर एक बार फिर सत्ता में वापसी की जुगत में जुटी सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी अगर चुनाव जीत भी जाती है, तो सरकार का नेतृत्व कौन करेगा. इस यक्ष प्रश्न पर गुरूवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि इस पर आलाकमान विधायकों से बातचीत के बाद फैसला करेगी.

दरअसल, पायलट की इस टिप्पणी को पिछले दिनों सीएम गहलोत से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन यह पद उन्हें छोड़ नहीं रहा है और शायद छोड़ेगा भी नहीं. आगे जोड़ते हुए सीएम गहलोत ने यह भी कहा था कि कांग्रेस अलाकमान का जो भी फैसला होगा, वह सबको स्वीकार होगा.

गौरतलब है पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पायलट के नेतृत्व में लड़ा था और उसमें सफलता भी पाई थी, लेकिन कांग्रेस ने अशोक गहलोत के नेतृत्व पर विश्वास जताते हुए उन्हें तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाया और भारी दवाब के बीच पायलट को डिप्टी सीएम बनाना पड़ा था. सीएम गहलोत को पिछले पांच सरकार चलाने में भी कई बार पायलट और उनके समर्थक विधायकों के दवाब के बीच काम करना पड़ा.

राजधानी दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान गहलोत के उक्त बयान के बारे में पूछे गए सवाल पर गुरूवार को पायलट ने कहा, इस पर प्रतिक्रिया देने की क्या जरूरत है? उन्होंने जो कहा होगा वो दशकों के अनुभव के आधार पर कहा होगा। हमारा सामूहिक उद्देश्य एकजुट होकर चुनाव लड़ना है और (विधानसभा चुनाव) कांग्रेस जीतेगी. 

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘कांग्रेस में परिपाटी है। पार्टी की जीत के बाद नेतृत्व विधायकों से बात करेगा और जो भी निर्णय लिया जाएगा वह सभी को स्वीकार्य होगा. पायलट ने बात को टालते हुए कहा कि अभी राज्य में पार्टी नेताओं का सामूहिक उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए एकजुट होकर काम करना है.

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगर कांग्रेस पुरानी परिपाटी को तोड़ते हुए राजस्थान में सत्ता में वापसी करने में सफल होती है, तो पार्टी आलाकमान इस बार सचिन पायलट को सरकार का नेतृत्व सौंप भी सकती है, इसके संकेत पायलट समर्थित विधायकों और कार्यकर्ताओं की चुप्पी से भी मिलते हैं, जो पिछले पांच साल से पायलट को सीएम बनाने के लिए गहलोत सरकार गिराने तक पर अमादा थे. 

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