20 साल पहले मां को हराया था, अब बेटे से लड़ेंगे किरोड़ी लाल मीणा; राजस्थान की इस सीट पर रोचक फाइट

किरोड़ीलाल मीणा सवाई माधोपुर सीट से तीन बार चुनाव लड़े हैं लेकिन एक ही बार जीत पाए है. दानिश अबरार 2013 में चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन 2018 के चुनाव में उन्होंने बड़ी जीत दर्ज की थी.

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दानिश अबरार और किरोड़ीलाल मीणा ( फाइल फोटो )
SAWAI MADHOPUR:

कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची आने के बाद सवाई माधोपुर विधानसभा सीट की सियासी तस्वीर साफ़ हो गई है. आज सुबह जारी हुई कांग्रेस की पहली सूची में कांग्रेस ने वर्तमान विधायक दानिश अबरार पर ही भरोसा जताया है. वहीं उनके भाजपा ने राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को प्रत्याशी बनाया है. 

सवाई माधोपुर सीट पर इस बार की सियासी लड़ाई के कई ऐतिहासिक संदर्भ भी हैं. इसे जानने के लिए सवाई माधोपुर के सियासी इतिहास पर नज़र डालनी होगी. साल 2003 के विधानसभा चुनावों में किरोड़ी लाला मीणा ने भाजपा से पहली बार यहां से चुनाव लड़ा था, तब उनके सामने वर्तमान विधायक दानिश अबरार की मां यास्मीन अबरार कांग्रेस से चुनाव मैदान में थीं. इस चुनाव में किरोड़ी लाल मीणा ने यास्मीन अबरार को लगभग 30 हज़ार वोटों से हराया था. यहीं से किरोड़ी और अबरार परिवार के बीच सियासी खींचतान जारी है. 

दानिश अबरार के पिता अबरार अहमद कांग्रेस के क़द्दावर नेता रहे हैं. वो राज्य सभा सासंद थे और नरसिम्हाराव सरकार में मनमोहन सिंह के वित्त मंत्री रहते हुए उन्हें वित्त राज्य मंत्री बनाया गया था.

साल 2008 के विधानसभा चुनाव में किरोड़ी लाल मीणा ने भाजपा छोड़ दी थी.उन्होंने यहां से निर्दलीय चुनाव लड़ा. लेकिन कांग्रेस के अलाउद्दीन आज़ाद ने किरोड़ी को लगभग 3 हज़ार वोटों से हराया दिया. 

2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने दानिश अबरार को मैदान में उतारा, किरोड़ी राजपा से चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन भाजपा की दिया कुमारी ने लगभग 8 हज़ार वोटों से किरोड़ी को हरा दिया था. इस चुनाव में कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी. 25 साल पहले का समय फिर लौट आया है. भाजपा से किरोड़ी लाल मीणा एक बार फिर मैदान में हैं और उनके सामने यास्मीन अबरार के बेटे दानिश अबरार हैं. इसलिए सवाई माधोपुर का चुनाव इस बार कई मायनों रोचक हो गया है. 

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