Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद भाजपा-कांग्रेस सहित सभी पार्टियां चुनावी तैयारी में जुट चुकी है. लेकिन दोनों ही प्रमुख दलों को अपने ही नेताओं के बगावती तेवर से परेशान होना पड़ा रहा है. भाजपा में पहली लिस्ट जारी होने के बाद खलखली मची है. जगह-जगह से विरोध की बातें सामने आ रही है. लेकिन कांग्रेस में टिकट बंटवारे से पहले ही दावेदारों की फेहरिस्त नेताओं के लिए बड़ा सरदर्द बन चुका है. कांग्रेस में टिकट बंटवारे से पहले बगावत की पहली और बड़ी कहानी चुरू जिले से सामने आ रही है. जहां सरदारशहर विधानसभा सीट के दो दावेदार आपस में भिड़ते नजर आ रहे हैं.सरदारशहर से इस समय कांग्रेस के अनिल शर्मा विधायक हैं. लेकिन इसी सीट पर स्थानीय कांग्रेस नेता राजमकल चौधरी लंबे समय से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं.
CM ने अनिल शर्मा को टिकट देने के दिए थे संकेत
दरअसल 10 अक्टूबर को CM अशोक गहलोत सरदारशहर के दौरे पर थे. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मौजूदा विधायक अनिल शर्मा को टिकट देने के संकेत दिए. इसके बाद से ही कांग्रेस से सरदारशहर विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे राजकरण चौधरी के समर्थक नाराज हैं और खुलकर अब राजकरण चौधरी के पक्ष में आ गए हैं. समर्थकों का कहना है कि राजकरण चौधरी को टिकट नहीं दी जाती है तो सरदारशहर में कांग्रेस कमजोर हो सकती है.
विधायक अनिल शर्मा से दलित समाज नाराज
राजकमल चौधरी के समर्थकों का कहना है कि पिछले दिनों विधायक अनिल शर्मा द्वारा दिए गए दलित समाज को लेकर बयान से भी दलित समाज के लोग विधायक शर्मा से नाराज है. जिसके चलते अनिल शर्मा की सरदारशहर में स्थिति बहुत खराब है यदि उनको टिकट दी जाती है तो यहां पर कांग्रेस को हार का खतरा बढ़ जाएगा है.
वहीं अनिल शर्मा से पिछले कुछ दिनों से कुछ कार्यकर्ता नाराज भी चल रहे हैं जो कि राजकरण चौधरी को अब खुलकर अपना समर्थन दे रहे हैं. इनमे कुछ पार्षदों और जिला परिषद सदस्यों का भी राजकरण चौधरी को खुला समर्थन मिल रहा है. इसके अलावा कांग्रेस के कुछ पदाधिकारी भी राजकरण चौधरी के समर्थन में खड़े हैं.
कौन हैं राजकरण चौधरी
राजकरण चौधरी वर्तमान में सरदारशहर नगर परिषद के सभापति हैं और सरदारशहर विधानसभा सीट से मजबूती के साथ दावेदारी कर रहे हैं. इसके अलावा चौधरी के पिता स्व मोहनलाल चौधरी नगर परिषद के सभापति रह चुके हैं और लगातार सात बार पार्षद भी रहे. वर्तमान में राजकरण चौधरी तीसरी बार पार्षद जीतकर सभापति बने हैं. वही सरदारशहर में सबसे ज्यादा जाट मतदाताओं की संख्या है. तकरीबन 80 हजार से ज्यादा जाट मतदाता सरदारशहर में है जिसके चलते राजकरण चौधरी की दावेदारी और मजबूत होती हैं.
अनिल शर्मा को विरासत में मिली है राजनीति
वहीं दूसरी और सरदारशहर के मौजूदा विधायक अनिल शर्मा को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता दिवंगत नेता भंवरलाल शर्मा भी सरदारशहर से सात बार विधायक रहे. कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे भंवरलाल शर्मा का गत वर्ष बीमारी के बाद निधन हो गया था जिसके बाद सरदारशहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए जिसमें अनिल शर्मा ने जीत हासिल की. स्थानीय चुनावी पंडितों का कहना है कि यदि इस बार कांग्रेस ने सरदारशहर से अनिल शर्मा को टिकट दिया तो घमासान मचना तय है.
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