"स्कॉलरशिप नहीं मिलने से कई छात्रों को भीख मांगनी पड़ी", नेता प्रतिपक्ष जूली ने सदन में उठाया मुद्दा तो हंगामा

Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा में स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना के नाम बदलने और भुगतान को लेकर बहस हुई, जिस पर हंगामा हुआ. 

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नेता प्रत‍िपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में कहा क‍ि बच्‍चों को समय पर स्‍काॅलरश‍िप नहीं म‍िलने की वजह से उन्हें भीख मांगने की नौबत आ गई.

Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही बुधवार (12 मार्च) को प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई, जिसमें स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना को लेकर बहस हुई. कांग्रेस विधायक रफीक खान ने इस योजना के लाभार्थियों को लेकर सवाल किया. इस पर मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने जवाब देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 365 छात्रों को इस योजना के तहत लाभ दिया गया. 

योजना का नाम बदलने पर आपत्ति

व‍िधायक रफीक खान ने इस योजना का नाम बदलने को लेकर सरकार से सवाल किया. इस पर उप-मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि युवाओं को प्रोत्साहन देने के लिए इस योजना का नाम स्वामी विवेकानंद के नाम पर रखा गया है. इस पर विधायक रफीक खान ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार को नाम बदलने की बजाय योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर करना चाहिए. 

बच्चों को समय पर भुगतान न मिलने का मुद्दा

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि समय पर स्कॉलरशिप नहीं मिलने से कई छात्रों को भीख मांगने तक की नौबत आ गई. इस पर मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने पलटवार करते हुए कहा कि हमने समय पर भुगतान किया, बल्कि कांग्रेस सरकार ने तो इस योजना के लिए कोई ठोस पॉलिसी ही नहीं बनाई थी. 

जूली और ड‍िप्‍टी सीएम प्रेमचंद बैरवा में नोकझोंक  

टीकाराम जूली और प्रेमचंद बैरवा के बीच इस मुद्दे पर सदन में नोकझोंक देखने को मिली.  कांग्रेस विधायकों ने सरकार पर छात्रों की अनदेखी का आरोप लगाया, जबकि सरकार ने कांग्रेस पर योजना के कमजोर क्रियान्वयन का ठीकरा फोड़ा. 

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