नहीं चलेगी अब मनमानी, बायोमैट्रिक मशीन से होगी शिक्षक-कर्मचारियों की हाजिरी, राज्यपाल ने दिए निर्देश

राज्यपाल कलराज मिश्र ने हाल ही में राजभवन में हुई बैठक में सभी कुलपतियों को निर्देश दिए कि सभी विश्वविद्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था 30 मई तक तत्परता से लागू की जाएगी.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Rajasthan Governor's Orders Biometric Attendance: राजस्थान के राज्यपाल व कुलाधिपति कलराज मिश्रा के आदेश का असर दिखना शुरू हो गया है. जहां अब 30 मई के बाद सभी विश्वविद्यालयों में समस्त शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन के जरिए ही सुनिश्चित करना तय किया गया है. राज्यपाल के इस आदेश की शुरुआत जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के सेंट्रल ऑफिस से हो गई है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केएल श्रीवास्तव कुलाधिपति के आदेशों को लेकर काफी गंभीर हैं.

30 मई तक सभी विश्वविद्यालय में लागू

दरअसल प्रदेश के समस्त सरकारी विश्वविद्यालयों में 30 मई तक बायोमेट्रिक और मोबाइल एप से उपस्थिति की व्यवस्था लागू होगी. इस संबंध में राज्यपाल कलराज मिश्र ने हाल ही में राजभवन में हुई बैठक में सभी कुलपतियों को निर्देश दे दिए थे. जिसमे राज्यपाल ने कहा था कि विश्वविद्यालयों में बायोमेट्रिक-मोबाइल एप आधारित उपस्थिति की व्यवस्था 30 मई तक सभी विश्वविद्यालयों में तत्परता से लागू की जाएगी. साथ ही यह व्यवस्था विश्वविद्यालयों के सभी महाविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों में भी लागू की जाएगी. उसके बाद विश्वविद्यालय ने कुलाधिपति के आदेश को प्रभावित रूप से लागू करने के लिए कमरकस ली है.

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बायोमेट्रिक मशीन से लगेगी हाजिरी

राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व व्यास विश्वविद्यालय के कुलसचिव ओम प्रकाश जैन ने बताया कि विश्वविद्यालय में बायोमेट्रिक मशीने लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं. जहां अभी केंद्रीय कार्यालय में बायोमेट्रिक मशीने लग भी गई हैं. अब चरणबद्ध तरीके से संपूर्ण विश्वविद्यालय में प्रभावी रूप से इन मशीनों को इंस्टॉल कर लगाया जाएगा और शिक्षकों के साथ कर्मचारियों की उपस्थिति भी इन बायोमेट्रिक मशीनों के जरिए होगी.

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पेपर लेस हो सकेगी हाजरी

विश्वविद्यालय में समस्त शिक्षकों और कर्मचारियों की बायोमेट्रिक मशीनों से हाजिरी लगाना अगर प्रभाव रूप से लागू होता है तो निश्चित रूप से हाजिरी लगने का पेटेंट भी पेपरलेस होगा. इससे पेपर की भी बचत होगी. वहीं डिजिटलाइजेशन के इस दौर में विश्वविद्यालय में पहले भी फिंगरप्रिंट के जरिए मशीन से हाजिरी लगती थी, लेकिन प्रभाव रूप से लागू नहीं हो पाई. अब राज्यपाल के आदेश अगर प्रभावी रूप से लागू होते हैं तो निश्चित रूप से अब बायोमेट्रिक हाजिरी लगने के साथ ही शिक्षक और कर्मचारियों का वेतन भी बायोमेट्रिक मशीन में दर्ज हाजिरी के अनुरूप हो सकेगा.

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