Change in CET: राजस्थान के लाखों युवाओं के लिए बड़ा तोहफा, अब CET देने की बार-बार नहीं होगी जरूरत

राजस्थान में भजनलाल सरकार कैबिनेट बैठक ने विद्यार्थियों के हित में बहुत अहम फैसला लिया है. जिसमें सरकार ने समान पात्रता परीक्षा (CET)की पात्रता को लेकर बहुत बड़े बदलाव किए हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर

Rajasthan CET Exam News: राजस्थान में भजनलाल सरकार कैबिनेट बैठक का बड़ा फैसला सामने आया है. जिसमें उन्होंने ऐलान किया है कि प्रदेश में आयोजित होने वाली समान पात्रता परीक्षा (CET)की पात्रता अवधि अब केवल एक साल नहीं होगी अब यह तीन साल तक होगी. यानी सरकार ने CET की पात्रता की अवधि को एक साल से बढ़ाकर तीन साल कर दिया है. कैबिनेट बैठक ने विद्यार्थियों के हित में यह बड़ा फैसला लिया है.

यह फैसला उन्होंने पिछली CET इग्ज़ैम के परिणाम से पहले ही दे दिया. जिसकी वजह से नए साल से पहले ही सभी विद्यार्थियों खुशखबरी मिल गई है.

1 साल से बढ़ाकर 3 साल की योग्यता

यह परीक्षा स्नातक स्तर और सीनियर सैकण्डरी स्तर पर लगती है. जिसमें इस इग्ज़ैम को पास करने वाला परीक्षार्थी 1 साल तक राज्य में होनी वाली नौकरी की अलग-अलग परीक्षाओं में बैठने के योग्य हो जाता था और 1 साल पूरा होने के बाद परीक्षार्थी को फिर से इस परीक्षा को पास करना होता था.

जिसमें कई बार ऐसा होता था कोई परीक्षार्थी एक बार CET पास कर लेता और दूसरी बार नहीं करता तो वह नौकरी की परीक्षा से बाहर हो जाता था. इस पैटर्न से परीक्षार्थियों को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता. इसके देखते हुए अब सरकार ने अब बहुत अहम फैसला लिया और इस परीक्षा की योग्यता को 1 साल से 3 साल तक कर दिया.

Advertisement

CET के परिणाम का परीक्षार्थी कर रहे इंतजार

इस फैसले के आने से कुछ दिनों ही  राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) स्नातक स्तर और सीनियर सैकण्डरी स्तर का आयोजन हुआ है. हाल ही में विभाग ने इन दोनों परीक्षाओं की “आंसर की” जारी की है. इसके बाद परीक्षार्थी CET के परीक्षा परिणाम का इंतजार कर रहे हैं.

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने कुछ दिन पहले ही CET की वैधता अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष करने का प्रस्ताव सरकार को भेज था. जिसके बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के सोशल मीडिया अकाउंट पर यह जानकारी शेयर की गई थी. इस प्रस्ताव को सरकार ने संज्ञान में लेते हुए हक में फैसला दे दिया हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें- फिर बदला राजस्थान का भूगोल, गहलोत राज में बने 9 नए जिले और 3 संभाग खत्म, जानें पूरी जानकारी