Illegal mining in the Aravalli mountain range: अरावली के मुद्दे पर गरमाती सियासत के बीच राजस्थान सरकार ने अहम फैसला लिया है. प्रदेश के 20 अरावली जिलों में कल (29 दिसंबर) से अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई शुरू होगी. इस संबंध में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने निर्देश जारी किए हैं. इस पूरे अभियान की मॉनिटरिंग उदयपुर स्थित खान विभाग के मुख्यालय से होगी. खान विभाग के प्रमुख सचिव के स्तर से नियमित तौर पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी. प्रदेश में अवैध खनन से बुरी तरह प्रभावित जिलों में संवेदनशील हॉटस्पॉट की पहचान की जाएगी. ऐसी किसी भी गतिविधि के खिलाफ मशीनरी जब्त करने समेत सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार की ओर से साफ तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
अभियान की कार्रवाई का भी होगा प्रचार
यह कार्रवाई अगले साल 15 जनवरी, 2026 तक चलेगी. इसके मुताबिक, अरावली पर्वत श्रृंखला के 20 जिलों में अवैध खनन, परिवहन और भंडारण गतिविधियों के खिलाफ संयुक्त अभियान होगा. खनन माफियाओं में भय कायम रखने के लिए राज्य सरकार ने कड़ा रूख अपनाया है. इस अभियान के दौरान की गई कार्रवाइयों को मीडिया के जरिए प्रचारित किया जाएगा, ताकि अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ राज्य में मजबूत संदेश दिया जा सके.
जिला प्रशासन और खान विभाग का ज्वॉइंट ऑपरेशन
अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की मीटिंग होगी. यह ज्वॉइंट ऑपरेशन जिला कलेक्टरों की देखरेख में खान, राजस्व, पुलिस, परिवहन और वन विभागों द्वारा तालमेल के साथ किया जाएगा.
राज्य सरकार की ओर से दावा किया गया है कि अवैध खनन के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत पहल की गई है. यह अभियान अवैध खनन के सभी पहलुओं को कवर करेगा, जिसमें गैर-कानूनी खुदाई, परिवहन और भंडारण शामिल हैं.
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