राजस्थान में मरीज को लेकर आई एंबुलेंस का गेट लॉक, समय पर इलाज न मिलने महिला की मौत

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक एम्बुलेस का गेट जाम हो गया. जिसमें एक महिला मरीज अंदर थी. वहीं इसके कारण उस महिला को इलाज मिलने में देरी हुई और उसकी मौत हो गई.

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मृतक महिला.

Rajasthan News: राजस्थान में भीलवाड़ा शहर में एंबुलेंस का गेट नहीं खुलने पर महिला की मौत का मामला सामने आया है. शहर के प्रताप नगर थाना क्षेत्र की जवाहरनगर कॉलोनी में रविवार को डिप्रेशन का शिकार हुई एक महिला ने फांसी लगा ली. इसके बाद महिला को 108 एंबुलेंस से एमजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां पर 15 मिनट एक एंबुलेंस का गेट ही नहीं खुला और गेट खुलने के बाद महिला को डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया.

घटना के बाद महिला के बेटे का आरोप है कि जिस एंबुलेंस से उसकी मां को अस्पताल ले जाया गया, उसमें ऑक्सीजन तक नहीं थी. साथ ही अस्पताल पहुंचने के बाद भी एंबुलेंस का गेट नहीं खुला. इसकी वजह से उसकी मां की मौत हो गई. इस घटना को लेकिन महिला का बेटा अब कार्रवाई की मांग कर रहा है. वहीं एंबुलेंस चालक ने इन आरोपों को नकारते हुए महिला के साथ एंबुलेंस से आये लड़कों पर मारपीट और तोड़फोड़ के आरोप लगाये हैं.

तुरंत कॉल के बाद देर से पहुंची एंबुलेंस

जानकारी के अनुसार, बिहार के पटना जिले के निवासी गौरव पुत्र प्रशांत कुमार राम ने बताया कि रविवार को उसका अवकाश था, इसके चलते वह सो रहा था. उसकी मां सुलेखा (49) ने उसके पिता प्रशांत के लिए खाना बनाया और उसके बाद पिता फैक्ट्री चले गये. गौरव ने कहा कि इसके बाद उसके मोबाइल पर फ्रेंड का कॉल आया.

जिससे उसकी आंख खुली और उसने देखा तो उसकी मां ड्रम पर चढकर रस्सी के फंदे से पंखे से लटकी हुई थी. इसके चलते उसने तुरंत ही रस्सी काटकर मां सुलेखा को फंदे से उतारा, तब उसकी सांसें चल रही थी. इसके बाद 108 एंबुलेंस को कॉल किया. तुरंत फोन करने के बावजूद भी एंबुलेंस देर से पहुंची. इसके बाद मां सुलेखा को एंबुलेंस में लिटाया गया. 

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15 मिनट तक नहीं खुला गेट

पीड़ित गौरव ने आगे बताया कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन तक नहीं थी. जैसे-तैसे एमजी अस्पताल पहुंचे तो एंबुलेंस का 15 मिनिट तक गेट नहीं खुला. गौरव ने बताया कि उसने चालक के कहने पर एंबुलेंस के गेट का शीशा तोड़ा और इसी रास्ते से मां को जैसे-तैसे बाहर निकाला और डॉक्टर्स के पास ले गये.

गौरव ने बताया कि डॉक्टर्स ने उसकी मां को मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर्स ने यह भी कहा कि 10-15 मिनिट पहले सुलेखा को ले आते तो उसे बचा लिया जाता. गौरव का आरोप है कि एंबुलेंस स्टॉफ की लापरवाही से उसकी मां की मौत हुई है. गौरव अब एंबुलेंस स्टॉफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है.  

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एंबुलेंस चालक और एमटी हुई मारपीट

वहीं 108 एंबुलेंस के चालक लवेश मीणा ने का कहना था कि रविवार सुबह 9:51 बजे जयपुर 108 कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि प्रताप नगर थाना इलाके में एक महिला की हालत बिगड़ गई. सूचना पर चालक मीणा और एमटी नेमीचंद जवाहर नगर पहुंचे. जहां महिला को एंबुलेंस में लिटाया.

इस दौरान महिला के साथ चार-पांच लडके भी एंबुलेंस में सवार हो गये. मीणा ने बताया कि ये लडके चालक पर एंबुलेंस को तेज चलाने का दबाव बनाने लगे. इसके बाद इन लडको ने ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होने का आरोप लगाया, जबकि एंबुलेंस में ऑक्सीजन थी और महिला को ऑक्सीजन दी जा रही थी. 

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महिला के बेटों ने तोड़े एंबुलेंस के शीशे

इसके बावजूद युवक एंबुलेंस चालक और एमटी से गाली-गलौच करते हुये देख लेने की धमकी देने लगे. एमजी अस्पताल पहुंचने पर इन लड़कों ने एंबुलेंस के शीशे, इक्यूपमेंट आदि तोड़ दिये और पायलेट और एमटी के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी. इस घटना के चलते वहां अफरा-तफरी मच गई.

हालांकि चिकित्सा विभाग का तर्क है कि जिस एम्बुलेस में महिला को लाया गया उसमें ऑक्सीजन और अन्य सुविधाएं पूर्ण है, लेकिन घटना के दौरान का वीडियो सामने आने के बाद सीएमएचओ डॉ. सीपी गोस्वामी का यह दावा खोखला साबित होता नजर आ रहा है.

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