राजस्थान में बोर्ड परीक्षा में हो रही गड़बड़ी, परीक्षा से वंचित छात्र शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर बना मुर्गा; जानें वजह

बूंदी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र विशाल सैनी को सीनियर सेकेंडरी कला वर्ग में अर्द्धवार्षिक परीक्षा देने के बावजूद बोर्ड वार्षिक परीक्षा से वंचित करने का मामला सामने आया है.

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Rajasthan Board Exam: राजस्थान में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा शुरू हो चुकी है. लेकिन इस बार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में इस बार लगातार गड़बड़झाला सामने आ रहा है. राजस्थान के बूंदी जिले में पहले 10वीं के छात्र को परीक्षा से वंचित किया गया था. हालांकि कोर्ट से गुहार लगाने के बाद जारी निर्देशों पर शिक्षा विभाग ने छात्र को घर से बुलाकर परीक्षा दिलवानी पड़ी थी. वहीं बूंदी में ही बोर्ड परीक्षा से जुड़ा एक और अनूठा मामला सामने आया है. स्कूल में कम उपस्थिति की वजह से 2वीं की परीक्षा से वंचित छात्र को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर मुर्गा बनकर भविष्य बचाने की गुहार लगानी पड़ी.

बूंदी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र विशाल सैनी को सीनियर सेकेंडरी कला वर्ग में अर्द्धवार्षिक परीक्षा देने के बावजूद बोर्ड वार्षिक परीक्षा से वंचित करने का मामला सामने आया है. पीड़ित छात्र विशाल सैनी ने सोमवार को बूंदी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर मुर्गा बनकर प्रदर्शन करते हुए न्याय की मांग की. जबकि उसके तीन पेपर अब तक छूट चुके हैं.

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सिस्टम की बड़ी लापरवाही

बोर्ड परीक्षा 7 मार्च से प्रारंभ हो गयी थी. ऐसे में 12वीं कला बोर्ड के छात्र विशाल सैनी के सोमवार तक तीन पेपर छूट गये हैं और भविष्य खतरे में आ गया है. छात्र ने बताया कि पहले तो विद्यालय प्रशासन के द्वारा उसे किसी दूसरे विशाल नाम का प्रवेश पत्र दे दिया गया था. लेकिन बाद में घर जाकर जब उसने देखा कि उसमें माता-पिता का नाम अलग है तो अगले दिन वापस प्रवेश पत्र विद्यालय में दे दिया. विद्यालय वालों ने कुछ देर प्रवेश पत्र ढूंढा फिर कंप्यूटर पर रिकार्ड देखा और कहा कि तुम्हारा अनुपस्थिति के कारण प्रवेश पत्र नहीं आया है और आगे तुम्हें ओपन से परीक्षा दिलवा देंगे. जिसमें तुम्हारा कोई पैसा खर्च भी नहीं होगा सारी फीस हम जमा करवा देंगे. वहीं छात्रा के पिता देवराज सैनी ने बताया कि सरकारी सिस्टम की बड़ी लापरवाही है. प्रशासन को किसी भी बच्चे को परीक्षा देने से पहले उसके सारे दस्तावेजों को जांच लेना चाहिए और उसे क्रॉस चेक करना चाहिए. अर्धवार्षिक पेपर देने के बावजूद भी मेरे बेटे को परीक्षा देने नहीं दिया गया. उल्टा उसे पर लोबान देकर ओपन से परीक्षा देने का लालच दिया गया जब ओपन से ही परीक्षा दिलवानी थी तो 1 साल विद्यालय में पढ़ाई क्यों करवाई. 

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छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ असहनीय -शर्मा

राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा लगातार छात्रों की भविष्य के साथ खिलवाड़ की जा रही है, यह असहनीय है. उन्होंने कहा कि शिक्षा को हमारे संविधान में मौलिक अधिकार घोषित किया गया है और बोर्ड को छात्रों को इस तरह किसी भी कीमत पर परीक्षा से वंचित नहीं किया जाना चाहिये. शर्मा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षा विभाग की गलती से छात्र की तीन पेपर छूट गए हैं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को छात्र के लिये छूटे हुये प्रश्नपत्रों की विशेष परीक्षा आयोजित  करवानी चाहिये.

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पहले भी घर से बुलवाकर दिलवायी थी परीक्षा

पहले भी बूंदी में दसवीं बोर्ड के छात्र कुलदीप सोनी को प्रवेश पत्र आने के बाद भी उपस्थिति कम बताकर परीक्षा से वंचित करने पर कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों को छात्र को आखिरी समय पर घर से बुलवाकर परीक्षा दिलवायी गयी थी.

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