
Rajasthan Board Exam 2025: राजस्थान में दसवीं बोर्ड परीक्षा शुरू हो गई है. पूरे प्रदेश में 6 मार्च से परीक्षा शुरू हुई है. लेकिन परीक्षा से जुड़ा एक अनूठा मामला सामने आया है, जहां शिक्षा विभाग को परीक्षा शुरू होने के 25 मिनट बाद एक छात्र को घर से बुलाकर परीक्षा दिलवानी पड़ी. यह मामला बूंदी जिले का है. वहां गुरुवार को शिक्षा विभाग को दसवीं बोर्ड के एक छात्र को परीक्षा शुरू होने के 25 मिनट बाद घर से बुलाया गया और परीक्षा दिलवाई गई. बताया जाता है कि शिक्षा विभाग ने बोर्ड परीक्षा में दसवीं के छात्र कुलदीप सोनी की स्कूल उपस्थिति कम बताकर परीक्षा देने से रोकने लिया था. लेकिन इसके बाद छात्र के भविष्य को लेकर बूंदी कोर्ट में परिवाद पेश किया गया था.
इस परिवाद पर कोर्ट ने आदेश देते हुए शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर परीक्षा दिलाने के निर्देश दिए थे. उसके बाद हरकत में आए शिक्षा विभाग को छात्र को घर से बुलाकर परीक्षा दिलाई. वहीं परीक्षा के बाद छात्र और उसके परिजन खुश नजर आए.
ओम बिड़ला से गुहार के बाद भी नहीं माना शिक्षा विभाग
राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा ने बताया कि कागजी देवरा के निजी विद्यालय के 10वीं बोर्ड के छात्र कुलदीप सोनी को स्कूल में कम उपस्थिति बताकर जिला शिक्षा अधिकारी ने परीक्षा दिलवाने से मना कर दिया था. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा से छात्र ने गुहार लगाई जिसके बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल में 75% उपस्थिति के नियमों का हवाला देते हुए छात्र को परीक्षा दिलवाने में असमर्थता जता दी थी.
इसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश पारीक से परामर्श के बाद बुधवार शाम को राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा के साथ छात्र कुलदीप सोनी ने विधिक सहायता न्यायालय में वाद के माध्यम से भविष्य बचाने की गुहार लगाई. न्यायालय ने तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस भेजकर जवाब मांगने और कार्यवाही के निर्देश के बाद गुरुवार सुबह प्रातः 8:30 बजे परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर ने छात्र को परीक्षा दिलवाने के आदेश जारी किए.
मां की मौत के बाद अवसाद में था छात्र
छात्र के परिजन सुशील सोनी ने बताया कि कई सालों पहले उसकी मां की मौत हो गई थी. पिता ने मां को पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया था जिसके चलते छात्र के मां की मौत हो गई थी. पिता द्वारा बेटे को परिजनों से कस्टडी में लेने को लेकर लंबे समय से कोर्ट में केस किया हुआ था.
कोर्ट ने पिता को बच्चों को संभालने के लिए आदेश जारी किया था, लेकिन पिता के पास जाने की डर के वजह से छात्र और उसकी बहन दूसरे परिजनों के यहां पर गुप्त तरीके से रह रहे थे. इसी कारण से छात्र कुछ दिनों के लिए स्कूल नहीं गया.
एडमिट कार्ड जारी होने के बाद भी एग्जाम से रोका गया
हालांकि बाद में कोर्ट से कस्टडी में भेजने के मामले को लेकर स्टे आने पर छात्र वापस से स्कूल गया. छात्र ने इसका हवाला परिजनों के साथ मिलकर स्कूल में भी दिया लेकिन स्कूल ने मनमानी करते हुए अटेंडेंस बोर्ड में भेज दिया. हालांकि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर ने छात्रा का एडमिट कार्ड भी जारी किया. लेकिन बूंदी शिक्षा विभाग ने उसके एडमिट कार्ड को भी दरकिनार करते हुए अटेंडेंस को महत्वपूर्ण स्थान दिया.
परीक्षा देने के बाद छात्र कुलदीप सोनी ने उसका सहयोग करने वाले लोगों का धन्यवाद दिया और कहा कि वह बिल्कुल उम्मीद छोड़ चुका था. उसका भविष्य खतरे में था. लेकिन न्यायालय ने उसकी गुहार को समझा और नोटिस जारी कर परीक्षा देने का मौका मिला.
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