Rajasthan: 9 दिन से 150 फ़ीट गहरे बोरवेल में फंसी 3 साल की चेतना, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी ; अब टूट रहीं उम्मीदें

साढ़े तीन साल की बच्ची चेतना 23 दिसंबर को बोरवेल में गिर गई थी. यह बोरवेल घर के अंदर कुछ दिन पहले खुदवाया गया था, लेकिन पानी नहीं निकलने के कारण इसे बंद कर दिया गया था.

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Chetna Rescue Operation:राजस्थान के कोटपुतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में 150 फीट पर फंसी 3 साल की चेतना को 9 दिन बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका. 30 दिसंबर यानी कल रात तक माता-पिता बोरवेल के पास चेतना का इंतजार करते रहे लेकिन उनकी उम्मीदें तब टूट गईं जब टीमों ने काम बंद करके अगले दिन शुरू करने को कहा . हालांकि  3 साल की मासूम के लिए  चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन  अब अंतिम चरण में है. रेस्क्यू टीम चेतना को निकालने के लिए 9 दिन से दिन-रात काम कर रही है.

चेतना को निकालने के लिए यह अभियान राज्य में सबसे लंबे बचाव अभियानों में से एक रहा है. इस दौरान बोरवेल में गिरी बच्ची के परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया. 24 द‍िसंबर की शाम से बच्ची का कोई मूवमेंट नजर नहीं आ रहा है. अध‍िकारी अब पर‍िजनों को व‍िजुअल और इमेज भी नहीं द‍िखा रहे.  

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समानांतर सुरंग खोदी

कोटपूतली-बहरोड़ जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने सोमवार को बताया कि चट्टान की तरह ठोस परत है. बारिश ने भी चुनौती पैदा की है. NDRF और SDRF की टीमें समानांतर सुरंग खोदने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं. बच्ची तक पहुंचने के लिए लगभग 6.5 फुट की और खुदाई बाकी है. एनडीआरएफ टीम के प्रभारी योगेश कुमार मीणा ने सोमवार को बताया कि बचाव अभियान में सख्त चट्टान को काटना टीम के लिए चुनौती रहा. 

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इससे पहले शनिवार को बोरवेल में गिरी बच्ची की मां धोली देवी ने कहा कि कई दिनों से मेरी बेटी बोरवेल में फंसी हुई है. वह भूख और प्यास से तड़प रही है. उसे अब तक बाहर नहीं निकाला गया है. अगर वह कलेक्टर की बच्ची होती तो क्या वह इतने दिनों तक उसे वहां रहने देतीं? कृपया मेरी बेटी को जल्द से जल्द बाहर निकालें.'

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23 दिसंबर को गिरी थी चेतना

बता दें कि कोटपूतली के सारुंद थाना क्षेत्र में साढ़े तीन साल की बच्ची चेतना 23 दिसंबर को बोरवेल में गिर गई थी. यह बोरवेल घर के अंदर कुछ दिन पहले ही खुदवाया गया था, लेकिन पानी नहीं निकलने के कारण इसे बंद कर दिया गया था.

बच्ची को सुरक्षित निकालने के लिये शुरुआत में रिंग की मदद से बाहर निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे. दो दिनों तक लगातार प्रयास के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला तो बुधवार को समानांतर गड्ढा खोदकर सुरंग के जरिये बच्ची तक पहुंचने का प्रयास किया गया. 

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