Rajasthan News: राजस्थान के जैसलमेर में मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र में ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान जमीन से निकल रही तेज धारा से फिलहाल बंद हो गई है. इस रहस्यमयी रूप से निकल रही तेज धारा के बंद होने के बाद ग्रामीण और खेत मालिक को जरूर राहत मिली है. पर खतरा अभी टला नहीं है. प्रशासन की ओर से क्षेत्र में धारा 163 (पहले धारा 144) लगा दी गई है. घटनास्थल के 500 मीटर क्षेत्र में आम लोगों के आने-जाने पर रोक है. प्रशासन की ओर से बताया गया है कि यहां पर कभी भी फिर से पानी और गैस का रिसाव हो सकता है.
अचानक से निकलने लगी धारा
दरअसल, यह घटना शनिवार को उस समय हुई, जब शास्त्रीनगर ग्राम पंचायत के तारागढ़ गांव में विक्रम सिंह भाटी के मुरबे में ट्यूबवेल खुदवाया जा रहा है. करीब 700 फीट गहरी बोरिंग होने के बाद जब पाइप बाहर निकाला जा रहा था. उस दौरान अचानक से जमीन से विस्फोट हुआ और पानी की तेज धारा निकलने लगी. जमीन से निकल रहे पानी का प्रेशर इतना तेज था, जैसे लग रहा था कि जमीन से फव्वारा फूट पड़ा हो.
गड्ढे में धंस गया मशीन से लदा ट्रक
अचानक जमीन धंसने से करीब 22 टन भारी मशीन से लदा ट्रक 850 फुट गहरे गड्ढे में धंस गया. लगातार दो दिन जमीन से पानी के चलते चारों तरफ खेत जलमग्न हो गया और दो कच्चे घर में भी पानी घुस गया. रविवार को ONGC और केयर्न एनर्जी की टीम मौके पर पहुंचकर जमीन से निकल रहे पानी और गैस के सैंपल लिए हैं.
इस घटना को लेकर भूजल वैज्ञानिक नारायण दास ने बताया कि अपारगम्य चट्टानें टूटने के कारण जमीन में दबा हुआ पानी अब प्रेशर के साथ बाहर आने लगा. बड़ी बात है, यह क्षेत्र विलुप्त हो चुकी सरस्वती नदी का बताया जा रहा है. भूविज्ञान के अंदर इसे ऑर्टिजन कंडीशन कहते हैं. यह कोई सामान्य घटना नहीं है. यह स्थिति कई दिनों तक रह सकती है.
जमीन से विस्फोट होने की अब भी आशंका
हालांकि, रविवार रात को पानी की तेज धारा और जमीन से गैस रिसाव बंद हो गया. पानी और गैस रिसाव बंद होने के बाद भी कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत ने आम लोगों से उस क्षेत्र में न जाने की अपील की है. मोहनगढ़ के उप तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट ललित चारण ने सोमवार को बताया कि विशेषज्ञों की राय के अनुसार, इस जगह फिर से कभी भी रिसाव शुरू हो सकता है. जिसमें हानिकारक तत्व शामिल हो सकते हैं. भूमि धंसने और विस्फोट होने की आशंका बनी हुई है.
इस क्षेत्र में जैसलमेर कलेक्टर धारा 163 (पहले धारा 144) लागू कर दी है. घटनास्थल के 500 मीटर तक लोगों के आने-जाने पर पूरी तरह से रोक रहेगी. क्षेत्र के आसपास के खेतों के किसानों को भी वहां जाने से मना किया गया है. जब तक विशेषज्ञ किसी निष्कर्ष पर न पहुंच जाएं, तब तक गड्ढे में फंसे हुए उपकरणों को बाहर निकालने की कोशिश न करें.
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