"स्पीकर ने मेरा माइक बंद कराया", विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम का गंभीर आरोप

Rajasthan Budget 2024:  लोकसभा के बाद 3 जुलाई को विधानसभा में विपक्ष के नेता का माइक बंद करने का मुद्दा गर्माया. टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि बोलने के दौरान उनका माइक बंद किया जा रहा है. 

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नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली.

Rajasthan Budget 2024: सदन में राज्यपाल के अभिभाषण की मांग करने के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूल ने कहा कि लोकसभा में भी राहुल गांधी का माइक बंद किया गया था. राजस्थान विधानसभा में भी इसी तरह का बर्ताव विपक्ष के साथ किया जा रहा है. 

ससंदीय कार्यमंत्री जोगाराम ने विपक्ष की मांग को गलत ठहराया

सदन की कार्रवाई शुरू होने के साथ ही विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण नहीं कराने को लेकर हंगामा किया था.  संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने नियमों का हवाला देकर विपक्ष की मांग को गलत ठहराया.

स्पीकर वासुदेव देवनानी ने समझाकर मामला शांत कराया 

इसी दौरान जब नेता प्रतिपक्ष ने जवाब देने की कोशिश की तो उनका माइक बंद था, इसी बात को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने स्पीकर पर माइक बंद करवाने का आरोप लगाया. बाद में स्पीकर वासुदेव देवनानी की समझाइश से मामला शांत हुआ. 

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अनुच्छेद 176 याद दिलाया  

टीकाराम जूली ने कहा कि नए सत्र का आगाज राज्यपाल अभिभाषण से होना चाहिए था. लेकिन, ऐसा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि 16वीं विधानसभ के गठन के बाद प्रथम सत्र की शुरुआत 28 दिसंबर 2023 को हुई थी. प्रथम सत्र का सत्रावसान राज्यपाल महोदय की आज्ञा से 7 मार्च 2024 को हुआ था. संविधान के अनुच्छेद 176 की अनुपालना में प्रथम सत्र में राज्यपाल अभिभाषण 31 दिसंबर 1993 को कराया गया. जबकि, दूसरा सत्र कैलेंडर ईयर 1994 में जब बुलाया गया, तब सत्र की पहली बैठक 23 फरवरी 1994 को राज्यपाल अभिभाषण से की गई थी. 

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टीकाराम जूली ने कहा-1957 में भी इसी तरह की स्थिति लोकसभा में आ चुकी है

उन्होंने कहा कि  इस तरह की स्थिति लोकसभा में 1957 में आ चुकी है. जब राष्ट्रपति का एक साथ संसद के दोनों सदनों में 18 मार्च को राष्ट्रपति अभिभाषण हुआ था. साल 1962 में भी ऐसा हुआ.

जवाब में संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि  नई सरकार के गठन के बाद होने वाले पहले सत्र जिसने सदस्यों को शपथ दिलाई जाती है उसमें राज्यपाल के अभिभाषण का प्रावधान है. वर्तमान में पहले नहीं दूसरे सत्र  का नॉटिफ़िकेशन जारी हुआ है. पहले सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण हो चुका है. या तो  विपक्ष को नियमों की जानकारी नहीं है या जानबूझकर हंगामा कर रहे हैं. 

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