Rajasthan By-Election: बीजेपी हाईकमान तय करेगा कैंडिडेट, मदन राठौड़ प्रत्याशियों के पैनल पर दे चुके हैं अपनी राय; देखें लिस्ट   

Rajasthan By-Election: बीजेपी ने राजस्थान में 7 सीटों पर होने वाले उप-चुनाव के लिए टिकट के दावेदारों का पैनल तय कर दिया है. पार्टी ने तीन बार सर्वे कराकर पैनल में  दावेदार प्रत्याशियों के नाम शामिल करके हाई कमान को सौंप दिए. 

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Rajasthan By-Election: भाजपा फीडबैक के आधार पर उप-चुनाव में कैंडिडेट उतारेगी. हर एक सीट पर टिकट के दावेदारों तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया है. इसके बाद बीजेपी कोर कमेटी की बैठक हुई. बैठक के बाद प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ और दूसरे नेताओं ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को प्रत्याशियों के पैनल पर अपनी राय दे दी है. अब भाजपा हाईकमान इन नामों पर फील्ड में सर्वे कराएगी. पार्टी के पदाधिकारियों से फीडबैक लिया जाएगा. सर्वे और फीडबैक में जीतने वाले प्रत्याशी को भाजपा टिकट देगी. आचार संहिता घोषित होते ही सातों सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा होगी.

मतदाता को बूथ तक लाने की दी जाएगी जिम्मेदारी 

बीजेपी उप-चुनाव में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं और कामों को लेकर मतदाताओं तक जाएंगे. हर कार्यकर्ता हो हर मतदाता को बूथ तक लाने की जिम्मेदारी दी जाएगी. टिकट तय करने से पहले सभी दावेदारों को पार्टी विश्वास में लेगी, जिससे पार्टी में बगातव नहीं हो. डैमेज कंट्रोल के लिए सभी सातों सीटों पर पार्टी पदाधिकारियों और सरकार के मंत्रियों को लगा दिया गया है. 

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इन 7 सीटों पर होंगे उप-चुनाव 

राजस्थान में झुंझुनू, दौसा, देवली-उनियारा, चौरास, खींवसर, सलूंबर और रामगढ़ सीटों पर उप चुनाव होंगे. झुंझनूं, दौसा, देवली-उनियारा, चौरासी, खींवसर सीट से विधायक लोकसभा चुनाव में सांसद बन गए थे, इसलिए ये सीटें खाली हो गईं. सलूंबर सीट से बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के बाद खाली हो गई है. रामगढ़ सीट से कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन की वजह से उपचुनाव होगा. 

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1. दौसा सीट: बीजेपी से टिकट के दावेदार

  • जगमोहन मीणा-मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई और आदिवासी चेहरा.
  • शंकर लाल शर्मा-पूर्व विधायक और ब्राह्मण चेहरा.
  • नंदलाल बंशीवाल- दौसा से 2 बार के पूर्व विधायक और दलित चेहरा, सिकराय विधायक विक्रम बंसीवाल इनके भतीजे हैं.

2. देवली- उनियारा सीट: बीजेपी से टिकट के दावेदार   

  • राजेन्द्र गुर्जर-पूर्व विधायक, पिछली बार भी टिकट दावेदार रहे. गुर्जर नेता.
  • विजय बैंसला- कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र, पिछली बार विधानसभा चुनाव हारे. गुर्जर नेता हैं.
  • प्रभुलाल सैनी- पूर्व मंत्री रह चुके, बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. यहां से विधायक रह चुके, मूल रूप से देवली-उनियारा निवासी हैं. माली- ओबीसी समाज से हैं.
  • विक्रम गुर्जर- लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हुए थे, गुर्जर चेहरा.

3. सलूम्बर सीट: बीजेपी से टिकट के दावेदार

  • अविनाश मीणा- दिवंगत पूर्व विधायक अमृतलाल मीणा के बेटे हैं, सहानुभूति सेक्टर के कारण बड़ा वोट बैंक साथ आ सकता है.
  • नरेंद्र मीणा- अविनाश मीणा के चुनाव नहीं लड़ने की स्थिति में उम्मीदवार मजबूत, लंबे समय से टिकट मांग रहे हैं.

4. रामगढ़ सीट: बीजेपी से टिकट के दावेदार

  • ज्ञानदेव आहूजा- पूर्व विधायक, बीजेपी के वरिष्ठ नेता, निष्ठावान बीजेपी कार्यकर्ता, संघ के करीबी. विवादित बयानों से चर्चित रहे.
  • जय आहूजा- पूर्व विधायक ज्ञान देव आहूजा के बेटे, बीजेपी ने पिछली बार भी विधानसभा चुनाव लड़वाया था. तीसरे नंबर पर रहे थे. 
  • बनवारी लाल सिंघल- पूर्व विधायक, केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव के करीबी, बीजेपी के सक्रिय नेता.
  • सुखवंत सिंह- पिछला विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़ा, दूसरे नंबर पर रहे थे, अबकी बार बीजेपी से टिकट दावेदारी है.

5. झुंझुनूं सीट: बीजेपी के टिकट दावेदार

  • राजेन्द्र भाम्बू- पिछली बार निर्दलीय चुनाव लड़ चुके, 42000 से ज्यादा वोट हासिल किए थे. भाजपा प्रत्याशी को 57000 वोट मिले थे. भाजपा प्रत्याशी की हार के बड़े कारण रहे. अबकी बार बीजेपी गलती सुधार कर सकती है.
  • बबलू चौधरी- पिछली बार भाजपा प्रत्याशी रहे,चुनाव में हार हुई, फिर से टिकट की दावेदारी है.
  • बनवारी लाल सैनी- माली- ओबीसी समाज से हैं, जाट उम्मीदवार के खिलाफ. ओबीसी- माली वोट बैंक और सामान्य वर्ग के वोटर्स को खींच सकते हैं. 

6. खींवसर सीट: बीजेपी से टिकट के दावेदार

  • रेवंतराम डांगा- पिछले विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल को कड़ी टक्कर दी. केवल 2069 वोटों के अंतर से चुनाव हारे.
  • हापुराम चौधरी- क्षेत्र में संगठन में लंबे समय से सक्रिय, टिकट की दावेदारी, नया चेहरा. 
  • ज्योति मिर्धा-पूर्व सांसद, बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष, पिछले चुनाव में हनुमान बेनीवाल से 7000 वोटों से पीछे रहीं थीं. कांग्रेस के कद्दावर मिर्धा परिवार से बीजेपी में आई हैं.

7. चौरासी सीट: बीजेपी से टिकट के दावेदार

  • सुशील कटारा- पूर्व विधायक, बीजेपी संगठन और संघ दोनों में मजबूत पकड़, लगातार दो विधानसभा चुनाव क्षेत्र से हार चुके. 
  • महेन्द्रजीत सिंह मालवीय- पूर्व मंत्री रहे,  कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं. आदिवासियों में अच्छी पकड़ है. बांसवाड़ा से लोकसभा चुनाव हारे हैं. 
  • महेंद्र बरजोड़-चिखली के पूर्व प्रधान, बीजेपी से कांग्रेस में आए हैं. 
  • नानूराम परमार- सीमलवाड़ा से बीजेपी के पूर्व प्रधान, बीजेपी संगठन और कार्यकर्ताओं में पकड़.

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