Rajasthan By Election: BAP जुबान की पक्की है तो सलूंबर सीट छोड़ दे, पूर्व कांग्रेस सांसद के बयान से राजस्थान में गरमाई सियासत

NDTV Ground Report: राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को रिजल्ट जारी किया जाएगा. इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी का किसी दल के साथ गठबंधन होगा या नहीं? ये सबसे बड़ा सवाल है.

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रघुवीर सिंह मीणा और जितेश कुमार कटारा.

Rajasthan News: मेवाड़ की सलूंबर विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे अमृत लाल मीणा (Amritlal Meena) के निधन के बाद यहां उपचुनाव (Salumber By Election 2024) होने जा रहा है. इसके लिए सभी पार्टियों ने दम झोंकना शुरू कर दिया है, और सियासी जुबानी हमले भी शुरू हो गए हैं. इस चुनाव में सबसे बड़ी चर्चा कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी के गठबंधन को लेकर है कि दोनों के बीच गठबंधन होगा या नहीं? भारत आदिवासी पार्टी पहले ही स्वतंत्र चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि अगर भारत आदिवासी पार्टी जुबान की पक्की है तो सलूंबर सीट को छोड़ देगी.

'हमने बांसवाड़ा और बागीदौरा छोड़ा, अब BAP सलूंबर छोड़े'

पूर्व सीडब्ल्यूसी सदस्य और पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा, जो कि सलूंबर से विधायक भी रह चुके हैं, उन्होंने NDTV राजस्थान से खास बातचीत करते हुए कहा, 'भाजपा के झूठ से जनता परेशान हो चुकी है और भारत आदिवासी पार्टी को नकार दिया है. इस बार सलूंबर विधानसभा सीट कांग्रेस की झोली में आएगी. बीएपी के लिए कांग्रेस पहले ही बांसवाड़ा लोकसभा सीट और डूंगरपुर-बागीदौरा सीट छोड़ चुकी है. अब उनकी बारी है देने की. अगर वह समझते हैं कि राजनीति में जुबान की वैल्यू होती है तो निश्चित तौर पर सलूंबर सीट को वे छोड़ देंगे. बाकी वह लड़ना चाहते हैं तो लड़ें.

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'जिनका जनादेश गिरता है वह पार्टियां गठबंधन की सोचती है'

इधर, भारत आदिवासी पार्टी के नेता जितेश कुमार कटारा, जो गत विधानसभा चुनाव में सलूंबर सीट से भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी थे और 52 हजार वोट प्राप्त कर सभी को चौका दिया था, उन्होंने NDTV राजस्थान से खास बातचीत में कहा कि हम चुनाव में उतर रहे हैं. जो मुद्दे कांग्रेस और भाजपा पूरे नहीं कर पाई, उन्हीं को लेकर हमारा प्रयास रहेगा पूरा करने का. कांग्रेस से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम तो स्वतंत्र चुनाव लड़ रहे हैं. अगर उनको लगाता है कि कांग्रेस पार्टी का जनादेश गिर गया है तो उनके आलाकमान तय करें क्या करना है. गठबंधन वह पार्टियां करें, जिनका धरातल खिसक गया है.

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