Rajasthan By-Elections Voting: राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर जारी उपचुनाव के मतदान के बीच टोंक जिले की देवली उनियारा (Devli Uniara) सीट पर कांग्रेस के बागी नेता नरेश मीणा (Naresh Meena) ने एक SDM को थप्पड़ मार दिया. नरेश मीणा द्वारा RAS अधिकारी को थप्पड़ मारने की घटना से देवली उनियारा का माहौल गरमा गया है. RAS अधिकारियों के प्रतिनिधि ने निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर नरेश मीणा को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग कर रहा है. दूसरी ओर नरेश मीणा ने एनडीटीवी से बातचीत करते हुए कहा कि क्रांति के काल में क्रांति की भाषा बोलना जरूरी है.
दरअसल देवली उनियारा की समरावता बूथ पर नोंकझोंक के बाद नरेश मीणा ने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मारा. उन्होंने आरोप लगाया था कि EVM में उनका सिंबल हल्का नजर आ रहा है. मीणा ने इसके पीछे साजिश का भी आरोप लगाया. इसी मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर करने जब समरावता बूथ पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें मतदान केंद्र परिसर से बाहर निकाल दिया. तभी नरेश मीणा ने अधिकारी को थप्पड़ मार दिया.
थप्पड़कांड के बाद नरेश मीणा ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा- साथियों मैं समरावता में लोगों के बीच धरने पर बैठा हूं. इस पंचायत के लोगों को उनियारा उपखंड से हटाकर देवली उपखंड में डाल दिया. उनियारा इनका 15 किलोमीटर पड़ता है, और देवली 50 किलोमीटर पड़ता है. इन लोगों की मांग है कि कलेक्टर साहब यहां आकर देवली उपखंड से उनियारा उपखंड में वापस डाला जाए."
नरेश मीणा का आरोप-SDM चुपके से डलवाए वोट
उन्होंने कहा, "मैं 2 घंटे से यहां धरने पर बैठा हूं. एसडीएम यहां पर चुपके से 3 वोट डलवा दिए, जो उनके कर्मचारी हैं. इस बात पर जनता उग्र हो गई थी. लेकिन, अभी मामला शांत है. देवली-उनियारा और टोंक की सारी पुलिस मेरे पास बैठी है. मैंने बैठा रखा है. आपको 100% मतदान करना है. अब आपको कैस करना है आप जानो. मुझे आपसे 100% मतदान चाहिए.
एनडीटीवी से बोले- क्रांति काल में क्रांति की भाषा बोलना जरूरी
नरेश मीणा के थप्पड़कांड की गूंज पूरे राजस्थान में सुनी जा रही है. इस मामले में आरएएस अधिकारियों ने नरेश मीणा की जल्द से जल्द गिरफ्तारी नहीं होने पर पेन डाउन आंदोलन की चेतावनी दी है. दूसरी ओर इस मामले में एनडीटीवी से बात करते हुए नरेश मीणा ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह का उदाहरण देते हुए कहा कि क्रांति के काल में क्रांति की भाषा बोलना जरूरी है.
नरेश मीणा ने कहा कि भगत सिंह की मां जब उनसे मिलने गई थी तो उन्होंने कहा था बेटा तेरी शादी करूंगी. घोड़ी पर बिठाऊंगी, छोड़ दें. सरकारी वकील बन जा. तब भगत सिंह ने अपनी मां से कहा था हे मेरी मां, चांद अगर अड़ जाए अपनी जिद पर तो अड़ना बहुत जरूरी है. क्रांति के काल में क्रांति की भाषा बोलना जरूरी है. अगर गुलामी के जंजीरों को तोड़ना है तो आपके बेटे भगत सिंह को फांसी पर चढ़ना बहुत जरूरी है. मैं आम लोगों के लिए सब कुछ करने को तैयार हूं.
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