Rajasthan News: राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पू्र्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हाल ही में दिल्ली के दौरे किए जिसके बाद राजस्थान के सियासी हलकों में अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया है. प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट और बढ़ गई है. मुख्यमंत्री इस हफ्ते दो दिन के दिल्ली दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने सोमवार, 23 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह समेत कई मंत्रियों से मुलाकात की. सोमवार को ही वसुंधरा राजे भी दिल्ली पहुंचीं और वहां बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मिलीं. दिल्ली में सीएम भजनलाल और वसुंधरा राजे के बीच भी मुलाकात हुई. वसुंधरा पिछले सप्ताह 20 दिसंबर को भी दिल्ली गई थीं, और वहां उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी. इससे पहले इसी महीने वसुंधरा दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली थीं जब पीएम मोदी पहले राइज़िंग राजस्थान समिट और उसके बाद ईआरसीपी परियोजना के शिलान्यास के मौके पर राजस्थान के दौरे पर आए थे. इन मुलाकातों से राजस्थान के सियासी गलियारों में चर्चाएं छिड़ गई हैं जिनमें एक चर्चा मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हो रही है.
6 मंत्रियों की जगह खाली
राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं. मंत्रियों की संख्या कुल सदस्यों के 15 प्रतिशत से ज़्यादा नहीं हो सकती. इस तरह यहां अधिकतम 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं. वर्तमान में भजनलाल सरकार में 24 मंत्री हैं. इस तरह से यहां मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल में 6 और मंत्रियों को शामिल कर सकते हैं.
भजनलाल सरकार ने इसी महीने अपना एक वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है. इसके साथ ही पिछले महीने राज्य में 7 सीटों पर हुए उपचुनावों में बीजेपी को 5 सीटों पर जीत मिली थी. ऐसे में चर्चा है कि संभावित मंत्रिमंडल विस्तार पर इन दोनों बातों का प्रभाव देखा जा सकता है.
इन नामों की हो रही है चर्चा
राजस्थान की राजनीति पर निगाह रखने वाले जानकारों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच कई नाम चर्चा में आ गए हैं. इनमें पूर्व मंत्री कालीचरण सर्राफ़, अनीता भदेल और श्रीचंदेल कृपलानी और पुष्पेंद्र सिंह राणावत के नाम लिस्ट में आगे चल रहे हैं. इनके अलावा विधायक जयदीप बियानी , आदूराम मेघवाल, हंसराज मीणा, रामविलास मीणा और गोवर्धन वर्मा का नाम भी चर्चा में है.
वरिष्ठ पत्रकार राजेश कसेरा ने एनडीटीवी के एक कार्यक्रम में चर्चा के दौरान कहा," भजनलाल सरकार ने अपने आपको स्थापित करने के लिए कुछ बड़े फैसले करने की कोशिश की है और बड़ी घोषणाएं हुई हैं, जैसे राइज़िंग राजस्थान या ईआरसीपी से संबंधित ऐलान. इन घोषणाओं को चार साल के अंदर अमल में करना है. ऐसे में ज़रूरी है कि सरकार मज़बूती से आगे बढ़े."
उन्होंने कहा कि पुष्पेंद्र सिंह राणावत और श्रीचंदेल कृपलानी के अलावा बिलारा के बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अर्जुन गर्ग जैसे नेताओं के नामों की चर्चा हो रही है जो वसुंधरा राजे के करीबी हैं और अगर इन्हें मंत्री बनाया जाता है तो वसुंधरा की स्थिति मज़बूत होगी.
महिला मंत्रियों की बढ़ सकती है संख्या
वहीं राजनीतिक विश्लेषक एसपी मित्तल की राय है कि आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में महिला मंत्रियों की संख्या बढ़ सकती है. वह कहते हैं,"अभी 24 में से सिर्फ़ 2 ही महिला मंत्री हैं - दिया कुमारी और मंजू मेघवाल. ऐसे में दो से तीन और महिला मंत्री बनाई जा सकती हैं. अनीता बघेल और दीप्ति किरण महेश्वरी के अलावा बीकानेर की सिद्धि कुमारी और सोजट विधानसभा सीट से एमएलए शोभा चौहान के नामों पर भी विचार हो सकता है."
उन्होंने कहा कि इनके अतिरिक्त छाबड़ा के विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, नदबई के विधायक जगत सिंह, देवली उनियारा से उपचुनाव में जीते राजेंद्र गुर्जर और वरिष्ठ बीजेपी नेता देवी सिंह भाटी के नाम भी चर्चा में हैं.
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