Mahatma Gandhi: 1 साल का इंतजार हुआ खत्म, गांधी जयंती पर जयपुर में गांधी वाटिका म्यूजियम बना आकर्षण का केंद्र

गहलोत सरकार ने 85 करोड़ की लागत से सेंट्रल पार्क में वाटिका का निर्माण किया था. इसके संचालन के लिए एक ट्रस्ट भी बनाया गया था, लेकिन भजनलाल सरकार ने इस ट्रस्ट को समाप्त कर दिया. जिसका कारण था कि ट्रस्ट में उपाध्यक्ष को असीमित शक्तियां दे दी गई थी.

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जयपुर में शुरू हुआ गांधी वाटिका म्यूजियम

Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर में बुधवार से गांधी वाटिका म्यूजियम लोगों के लिए खुल गया है. पिछले साल उद्घाटन के बाद से ही यह बंद पड़ा था. पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर पर्यटन विभाग को इसके संचालन की जिम्मेदारी दी गई. म्यूजियम के खुलने के बाद सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग गांधी वाटिका को देखने के लिए पहुंचने रहे हैं. 

म्यूजियम को देखने पहुंचे लोग

म्यूजियम में अक्टूबर के महीने में फ्री एंट्री होगी. इसके लिए टिकट की दरें भी बाद में तय की जाएंगी. लोगों को 20-20 के समूह में घुमाया जाएगा, उनके साथ गाइड होंगे जो गांधी के जीवन के अलग-अलग पहलुओं के बारे में बताएंगे. इसके लिए गाइड को प्रशिक्षित किया जाएगा. 

शॉर्ट फिल्मों से दिखाएंगे गांधी के संदेश 

म्यूजियम में गांधी के शुरुआती जीवन, स्कूली जीवन, अफ्रीका यात्रा और स्वाधीनता आंदोलन में उनकी भूमिका को दिखाया गया है. साथ ही कई सारी शॉर्ट फिल्मों के जरिए गांधी के संदेश को दिखाया गया है. डिस्प्ले स्क्रीन को एप से चलाया जाएगा, जहां गांधी के संदेश दिखाई देंगे.  म्यूजियम में प्रसिद्ध चित्रकारों द्वारा बनाए गए गांधी के पोट्रेट, गांधी पर लिखी किताबें, फिल्मों का बेहतरीन कलेक्शन है. वाटिका में कॉन्फ्रेंस हॉल, ऑडिटोरियम, एग्जिबिशन हॉल भी है, जहां अलग-अलग कार्यक्रम हो पाएंगे. 

गांधी जी की मार्कशीट.

म्यूजियम में गांधी की मार्कशीट आकर्षण का केंद्र है. कानोड़िया कॉलेज की छात्राएं बताती हैं कि इस मार्कशीट से उन्हें यह प्रेरणा मिलती है कि जीवन में अंक हासिल करना ही सबकुछ नहीं है. अंकों की रेस में रहने के बजाए हमें अपने देश-समाज को समझने का नजरिया विकसित करना चाहिए. 

विवादों के घेरे में रहा म्यूजियम

पिछली सरकार ने 85 करोड़ की लागत से सेंट्रल पार्क में वाटिका का निर्माण किया था. इसके संचालन के लिए एक ट्रस्ट भी बनाया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इस ट्रस्ट को समाप्त कर दिया. जिसका कारण था कि ट्रस्ट में उपाध्यक्ष को असीमित शक्तियां दे दी गई थी. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गांधी वाटिका को जल्द आम लोगों के लिए खोलने की अपील की थी. साथ ही उन्होंने 28 सितंबर को धरने की चेतावनी भी दी थी. हालांकि धरने से पहले ही वाटिका के संचालन की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को दे दी गई.

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