Shri Sanwariya Seth Temple: सांवर‍िया सेठ का भंडार खुलते ही पुजारी दोनों हाथों से उठाता है रुपए,  वही होती है उसकी सैलरी

Shri Sanwariya Seth Temple Rajasthan: सांवर‍िया सेठ मंद‍िर की दानपेटी साल में 11 बार खुलता है. दानपेटी से करोड़ों रुपए और सोना-चांदी न‍िकलता है. यहां के पुजारी को सैलरी देने की एक पंरपरा है.

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सांवर‍िया सेठ की दानपेटी खुलते ही पुजारी दोनों हाथ से रुपए न‍िकालता है, वही उसकी सैलरी होती है.

Shri Sanwariya Seth Temple Rajasthan: च‍ित्‍तौड़गढ़ के सांवर‍िया सेठ मंद‍िर के पुजारी की सैलरी फ‍िक्‍स नहीं होती. एक पंरपरा है, उसी अनुसार उन्हें सैलरी म‍िलती है. संवार‍िया सेठ का भंडार खुलते ही सबसे पहले मुख्‍य पुजारी दोनों हाथ भरकर राश‍ि न‍िकालता है, एक बार में ज‍ितनी राशि आ जाए, वही उसकी सैलरी होती है. गर्भगृह के सामने लगे दोनों भंडार में से जैसे ही नोट एक बार दोनों हाथ में आ जाते हैं, वो पुजारी के हो जाते हैं. नोट छांटकर नहीं ले सकते हैं. पुजारी इस राश‍ि को भगवान को चरणों में रखकर अपने पास रख लेते हैं. भंडार की बाकी सभी राश‍ि और सोना-चांदी भगवान के खाते या लॉकर में जमा करते हैं.

संवार‍िया सेठ का भंडार साल में 11 बार खुलता है 

संवार‍िया सेठ का भंडार साल में 11 बार खुलता है, लेक‍िन एक बार फाल्‍गुन मास में पूर्णि‍मा यानी होली पर खुलता है, जो डेढ़ महीने का होता है. इससे पहले के अमावस पर नहीं खोलते हैं. अगला भंडार अमावस पर खुलेगा, इसल‍िए 15 द‍िन का ही होगा. कार्त‍िक अमावस यानी द‍िवाली पर भंडार नहीं खोलते हैं. उसके बाद की अमावस पर दो महीने का भंडार खुलता है.

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होली पर खोला गया भंडार, साढ़े 7 करोड़ की ग‍िनती पूरी  

14 मार्च को होली पर कृष्‍ण धाम सांवर‍िय सेठ का दानपात्र खोला गया. पहले चरण की ग‍िनती पूरी होने पर 7 करोड़ 55 लाख रुपए के नोट ग‍िने जा चुके हैं. मंद‍िर मंडल के प्रशासन‍िक अध‍िकारी प्रभा गौतम की मौजूदगी में भगवान सांवर‍िया सेठ की राजभोग आरती के बाद दानपात्र खोला गया. दूसरे चरण की ग‍िनती 17 मार्च को शुरू होगी. सीसीटीवी कैमरे की न‍िगरानी में नोटों की ग‍िनती होती है. 

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अब 17 मार्च को सोने-चांदी के भंडार की ग‍िनती होगी 

अब 17 मार्च को भंडार से न‍िकले सोने-चांदी और व‍िदेश मुद्राओं की ग‍िनती होगी. भंडार के अलावा भेंटकक्ष, कार्यालय और ऑनलाइन म‍िलने वाले चढ़ावे की ग‍िनती बाकी हैं. यहां रोजाना करीब एक लाख श्रद्धालु मन्दिर के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. मान्यतानुसार श्री सांवलिया सेठ के दर्शन कर अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद भक्त मंदिर में चढ़ावा चढ़ाते हैं.

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