हरियाणा चुनाव बीजेपी और कांग्रेस के लिए क्यों है इतना महत्वपूर्ण, दिग्गजों ने झोंकी ताकत

Haryana Vidhan Sabha Election 2024:  राजस्थान के  पड़ोसी राज्य हरियाणा में विधानसभा चुनाव में मतदान 5 अक्टूबर को है.  यही वजह है कि राजस्थान भाजपा कांग्रेस के नेताओं ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.  

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Haryana Vidhan Sabha Election 2024:   मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा आज (26 सितंबर) से दो दिवसीय हरियाणा दौरे पर हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल पानीपत सोनीपत और करनाल में जनसभा करेंगे. केवल CM ही नहीं बल्कि,  भाजपा के बड़े नेताओं ने भी अब हरियाणा चुनाव में अलग अलग सीटों को लेकर मोर्चा संभाल लिया है.  डिप्टी CM दिया कुमारी ने भी आज हरियाणा के दौरे पर हैं.  

दिया कुमारी के दो दिवसीय चुनावी दौरे का आगाज कैथल में भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार के साथ किया है. इसके अलावा राजस्थान भाजपा के नेता राजेंद्र राठौड़ ने पिछले कुछ दिनों से हिसार और आस पास की सीटों पर ज़िम्मा संभाल रखा है.  इन नेताओं के अलावा राजस्थान के एक दर्जन नेता अलग अलग सीटों पर काम कर रहे हैं. 
 

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अशोक गहलोत हरियाणा चुनाव के सीनियर ऑब्जर्वर बनाए गए  

अगर कांग्रेस की बात की जाए तो अशोक गहलोत हरियाणा चुनाव के सीनियर ऑब्ज़र्वर बनाए गए हैं.  गहलोत स्वास्थ्य ठीक होने के बाद लगातार चंडीगढ़ के दौरे कर रहे हैं. सचिन पायलट ने हाल ही में हरियाणा में दो दिवसीय दौरे के दौरान विभिन्न चुनावी सभाओं को संबोधित किया था. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली विधायक अमित चाचान सहित कांग्रेस के कई विधायकों ने हरियाणा की कई सीटों की कमान संभाल रखी है. 

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सतीश पूनिया को हरियाणा भाजपा का प्रभारी बनाया गया 

दरअसल, राजस्थान भाजपा के राजस्थान भाजपा के क़द्दावर नेता सतीश पूनिया हरियाणा भाजपा के प्रभारी है.  लिहाज़ा उन्होंने स्थानीय समीकरणों और राजस्थान से कनेक्शन के आधार पर बड़े नेताओं को ज़िम्मेदारी सौंपी है. खास तौर पर हरियाणा के राजस्थान से लगती सीमा से सटे सिरसा, हिसार, आदमपुर और चौटाला की कई इलाक़ों में, जहां राजस्थान में नाते और रिश्तेदारी है, वहां राजस्थान के नेताओं का हरियाणा की कई सीटों पर बड़ा प्रभाव है.

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राजस्थान के लोगों की हरियाणा चुनाव में दिलचस्पी

केवल इस चुनाव की बात नहीं है, हमेशा से राजस्थान के लोगों की हरियाणा के चुनावों में बड़ी दिलचस्पी रही है, इसकी वजह कभी हरियाणा में सत्ता में रही इन इनेलो पार्टी ही राजस्थान में विस्तार की योजनाएं हो या फिर राजस्थान में अलग अलग सीटों पर चुनाव लड़कर जीतने की वजह से भी दोनों राज्यों के बीच सियासी कनेक्शन बना. राजस्थान के सट्टा बाज़ार की भी हरियाणा चुनाव पर नज़र है और लोग सट्टा बाज़ार शेखावाटी और फिर गंगानगर हनुमानगढ़ के सटोरियो ने सीटों  को लेकर आकलन जारी कर दिया है.  

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