राजस्थान की 16वीं विधानसभा के मौजूदा सत्र में मंगलवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस का जवाब दिया. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) को लेकर जोरदार हंगामा और नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की गई. इसके बाद कार्यवाही शुरू हुई तो राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस में कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बीजेपी पर हमला बोला. अंत में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने जवाब में कांग्रेस पर तीखे हमले किए. सीएम ने कहा कि पिछली सरकार में लोगों का कोई भी काम बिना सेवा-पानी और खर्ची के नहीं होता था. इनके यहां प्रीपेड सेवा शुरू हो गई थी. मोबाइल में तो देखा था। इतना डला दो, इतना काम हो जाएगा. हमारी सरकार न पर्ची की है न ही खर्ची की. यह सरकार धरती की है. धरती पुत्रों की हैं.
महात्मा गांधी को याद करते हुए सीएम ने शुरू किया अपना संबोधन
सीएम भजनलाल शर्मा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस का जबाव महात्मा गांधी को याद करते हुए देना शुरू किया. इसके बाद उन्होंने राम मंदिर का भी जिक्र किया. अपने संबोधन की शुरुआत में भजनलाल शर्मा ने कहा कि राम गांधी जी के प्रिय थे. उनकी सभाओं में मैंने पायो राम रतन धन पाया और रघुपति राघव राजाराम गाया जाता था. राम राज्य की अवधारणा आजादी का मूल मंत्र था और राष्ट्र निर्माण का मिशन था. इसके बाद राम मंदिर पर आते हुए सीएम भजनलाल ने कहा कि 22 जनवरी को 500 साल का इतिहास 84 सेकेंड में सिमट गया.
राम मंदिर के लिए पीएम मोदी का जताया आभार
सीएम ने कहा कि राजस्थान की जनता ने हम सबको इस पवित्र मंदिर में भेजा है, इसका एक एक मिनट कीमती है. हमारे प्रधानमंत्री भी कहते हैं कि विकसित भारत की संकल्पना राम से राष्ट्र और देव से देश के चिंतन का विस्तार है. हमारे संविधान के निर्माता अंबेडकर ने संविधान की मूल प्रति के भाग तीन में भगवान राम, सीता और लक्ष्मण का भी चित्रण है. राम मंदिर पर सीएम भजनलाल ने पीएम मोदी का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने 500 साल की सनातन की प्रतिक्षा के बाद पूरा किया. ऐसे दुर्लभ क्षण भी आते हैं, जब सदियों का इतिहास सेकेंड में सिमट जाता है. अयोध्या में 22 जनवरी को ऐसा ही मौका आया, जब 500 साल का इतिहास 84 सेकेंड में सिमट गया.
राम मंदिर को राजनीति के चश्मे से देखने वालों को जनता नकारेगी
इसके बाद सीएम भजनलाल कहा- रामलला प्राण प्रतिष्ठा को भी राजनीति के चश्मे से देख रहे हैं, जिन्होंने राम और रामसेतु के अस्तित्व को नकारा, उन्हें जनता ने नकार दिया. आने वाले समय में जनता चुनावों में इन्हें नकारेगी। राम मंदिर देश की आध्यामिक स्वतंत्रता के साथ आर्थिक तरक्की का प्रतीक हैं.
सरकार के मुखिया कहते थे राजस्थान में महिला अत्याचार के मामले झूठे
महिला अत्याचार के मामले में सीएम भजनलाल ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा- महिला शक्ति के लिए जाने जाने वाले प्रदेश को महिला अत्याचार के मामलों से शर्मसार होना पड़ा. पिछली सरकार के समय राजस्थान महिला अत्याचार के मामले में नंबर वन बना रहा. हर दिन अबलाओं की इज्जत तार-तार होती थी.
राजस्थान की आठ करोड़ जनता के प्रतिनिधि के तौर पर हम काम करते हैं. राजनीति में कई बार सच का सामना करना पड़ता है. हमें राजनीति कैसे करनी है. राजनीति के लिए तलवार की धार पर चलना होता है. मैं कह दूं और पालना नहीं करूं यह नहीं चलता. उस समय सरकार के मुखिया ने कहा कि महिला अपराध के ज्यादातर मामले झूठे होते हैं। इससे अपराधियों के हौंसले और बढ़ गए.
तुष्टिकरण से नहीं कानून से चलेगा प्रदेश
सीएम ने कांग्रेस राज पर हमला बोलते हुए कहा- मुझे करौली की घटना याद है, जब पीड़ितों के खिलाफ ही कार्रवाई कर दी. कन्हैयालाल का मामला ही देख लीजिए. जयपुर में युवक की हत्या को सांप्रदायिक रूप दिया गया. तुष्टिकरण के आधार पर फैसले हो तो संविधान और काननू बौने हो जाते हैं. बात संविधाान की करते हैं, लेकिन उस पर चलना होता है. झालावाड़ और जोधपुर की घटनाओं को ही देख लेते, उनकी सुनने वाला कोई नहीं था. देश-प्रदेश कानून से चलेगा, तुष्टीकरण से नहीं चलेगा. शांतिप्रिय प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
महिला अत्याचार पर बात उठाने वाले मंत्री को ही हटा दिया
सीएम भजनलाल ने कहा- जब भी कांग्रेस सरकार आती है, तब-तब महिला अत्याचार बढ़ते हैं. उस दलित महिला भंवरी को याद कीजिए. महिला अत्याचार पर बात उठाने वाले अपने ही मंत्री को कांग्रेस सरकार ने बर्खास्त कर दिया. ऐसा क्या कह दिया था कि सदन में बात उठाने के कुछ ही घंटे बाद अपने ही मंत्री को बर्खास्त कर दिया.
विपक्ष की पर्ची वाली बात पर क्या बोले सीएम भजनलाल
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि मैं तो गांव से आने वाला व्यक्ति हूं. एक छोटे किसान परिवार से आता हूं. जीवन अभावों में भी गुजरा है. मेरा मुख्यमंत्री बनना शायद अच्छा नहीं लग रहा है. दरअसल, विपक्ष के कुछ सदस्यों में पर्ची का डर बैठा है. इसलिए वो बार-बार पर्ची की बात करते हैं. विपक्ष के सदस्यों को कौनसी तारीख की पर्ची का डर है. यह डर 25 सितंबर 2022 का है। विधायक दल की बैठक के बहिष्कार का है.
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