Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को जयपुर में 'सरदार@150 यूनिटी मार्च पदयात्रा' के तहत 'यमुना प्रवाह पदयात्रा' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह पदयात्रा देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार की एक राष्ट्रव्यापी पहल है. जयपुर के अमर जवान ज्योति शहीद स्मारक से शुरू हुई इस यात्रा के दौरान बीजेपी नेताओं ने सरदार पटेल के योगदान को याद किया और साथ ही देश के इतिहास से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर भी बात की.
इस अवसर पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने अपने संबोधन में 1875 के वर्ष का ऐतिहासिक महत्व बताते हुए अपनी बात शुरू की. उन्होंने सरदार पटेल को 570 से अधिक रियासतों को एक करके 'अखंड भारत' बनाने का श्रेय दिया. राठौड़ ने याद दिलाया कि पटेल ने हैदराबाद के निजाम को बलपूर्वक भारत में मिलाया था. राठौड़ ने कश्मीर समस्या को लेकर तत्कालीन नेतृत्व पर सीधे निशाना साधा. महाराजा हरि सिंह स्वतंत्रता चाहते थे और हिंदुस्तान से नहीं जुड़ना चाहते थे.
'POK आज भी नासूर बना हुआ है'
राठौड़ ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी कबाइलियों के आक्रमण के समय, महाराजा हरि सिंह ने ढाई दिन तक तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू से मिलने का इंतजार किया था. इन्हीं ढाई दिनों में पाकिस्तानी कबाइलियों ने कश्मीर के कुछ हिस्से पर कब्जा कर लिया, जो आज भी POK (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) के रूप में नासूर बना हुआ है. बाद में सरदार पटेल ने कबाइलियों को खदेड़ने का काम किया. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की विशाल मूर्ति (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) बनवाकर उन्हें उचित सम्मान दिया.
'पटेल ने कभी समझौता नहीं किया'
इसके बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ के विचारों को विस्तार दिया, लेकिन उनका फोकस सरदार पटेल के प्रेरणादायक नेतृत्व और सिद्धांतों पर रहा. सीएम ने बताया कि इस यूनिटी मार्च में राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश (एमपी) और उत्तर प्रदेश (यूपी) सहित 8 प्रदेशों के युवा शामिल हैं. सीएम ने जोर देकर कहा कि सरदार पटेल ने देशहित में कभी समझौता नहीं किया, और वह हमेशा किसानों की आवाज बने. उन्होंने आजादी के समय कई रियासतों की बगावत का जिक्र किया, लेकिन पटेल की संगठन क्षमता और नीति-निर्माण की तारीफ की, जिसके चलते वह सबको साथ लेकर आए.
सीएम ने कहा कि सरदार पटेल का जीवन देशभक्ति, संगठन क्षमता, नेतृत्व क्षमता, साहस और दृढ़ संकल्प जैसे महत्वपूर्ण सबक देता है. उन्होंने युवाओं को पटेल के जीवन से ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और सादगी सीखने की सलाह दी. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर संविधान दिवस की भी शुभकामनाएं दीं.
राजस्थान से गुजरेंगी दो यात्राएं
सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर निकाली जा रही 4 राष्ट्रीय यात्राओं में से दो— गंगा प्रवाह और यमुना प्रवाह— राजस्थान से होकर गुजर रही हैं, जो राज्य के 10 जिलों को कवर करेंगी. यमुना प्रवाह यात्रा जयपुर से शुरू होकर अजमेर, पाली, जोधपुर और सिरोही से गुजरेगी और गुजरात के करमसद में जाकर खत्म होगी. इस दौरान वो राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से गुजरेगी. वहीं, गंगा प्रवाह यात्रा पहले ही रवाना हो चुकी है. ये यात्रा राजस्थान के अलवर, सवाईमाधोपुर, कोटा, चित्तौड़गढ़ और उदयपुर से होकर गुजरेगी.
यात्रा के दौरान राजस्थान की संस्कृति का भव्य प्रदर्शन किया जा रहा है. जयपुर में हरिदेव जोशी विश्वविद्यालय में छात्र संवाद होगा, और शाम को पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर दर्शन और सरोवर आरती का आयोजन होगा. जोधपुर में यात्रियों के लिए राजस्थानी घूमर और मेहरानगढ़ किले का भ्रमण भी शामिल है.
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