Rajasthan: विधानसभा सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुई कांग्रेस; जूली बोले- अपमानजनक व्यवहार हो रहा 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री केवल एक पार्टी के नहीं होते. हमारी सरकार के समय मुख्यमंत्री जी ने मई 2020 में सभी 200 विधायकों और 25 सांसदों की बैठक लेकर उनकी बात सुनी थी. यहां केवल भाजपा विधायकों, सांसदों और जिनको जनता ने नकार दिया. उनकी सुनाई गई.

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नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली

Rajasthan: राजस्थान विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि विधान सभा सत्र को लेकर शुरुआत से ही भाजपा सरकार की मंशा ठीक नहीं रही है. विधान सभा अध्यक्ष तो चाहते हैं कि सत्र लम्बा चले पर सरकार चाह रही है कि कुछ दिन में ही विधान सभा सत्र समाप्त हो जाए, जिससे सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित नहीं हो सके. जूली ने कहा कि हम सदन में इस असफल सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे. यह सरकार पौने दो साल में ही असफल और अलोकप्रिय हो गई है.

जूली ने आज सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होने पर कहा कि तमाम मुद्दों पर ऐसी एकतरफा अप्रोच के कारण आज कांग्रेस पार्टी ने इस बैठक का बहिष्कार किया है. हम सदन की पहले दिन की कार्यवाही में भाग लेंगे, 2 तारीख को हमारे विधायक दल की बैठक है जिसमें हमारे प्रभारी, प्रदेशाध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री समेत सभी वरिष्ठ नेता शामिल होंगे, जिसमें विधान सभा सत्र को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.

''कई वाकये ऐसे हुए जो एक पक्षीय रहे''

प्रतिपक्ष के नेता जूली ने कहा कि विधान सभा में भी कई वाकये ऐसे हुए जो एक पक्षीय रहे. हमारे वरिष्ठ विधायक नरेन्द्र बुढ़ानिया को विशेषाधिकार समिति का सभापति बनाया, परन्तु कुछ दिन पश्चात अचानक ही उन्हें सभापति के पद से हटा दिया गया. इतने वरिष्ठ सदस्य के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार स्वीकार्य नहीं है.

''हमारे प्रधानों, प्रमुखों, चेयरमैनों को चुन-चुनकर हटाया जा रहा है''

भाजपा सरकार के अलोकतांत्रिक रवैये पर जूली ने कहा कि जिलों में हमारे प्रधानों, प्रमुखों, चेयरमैनों को चुन-चुनकर हटाया जा रहा है. सरकार की एक विधायक ने जनता के बीच कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में सभी निर्वाचित प्रधानों को हटाकर भाजपा के प्रधान बनाए गए हैं, यानि इनका लोकतंत्र में कोई भरोसा नहीं है. यही कारण है कि संवैधानिक बाध्यताओं के बावजूद राज्य में पंचायती राज एवं नगरीय निकाय के चुनाव भी सरकार नहीं करवा रही है और हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ रही है.

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भाजपा ने इस मामले पर क्या कहा ? 

टीकाराम जूली के बयान के बाद सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्गनेर कांग्रेस पर निशाना साधा है.  गर्ग ने कहा, ''सर्वदलीय बैठक से पहले सभी पक्षों से सहमती ली जाती है. आज की डेट टीकाराम जूली से पूछ कर ही तय की गई थी. वे 29 ​अगस्त को आने में असमर्थ थे, इसलिए जूली के कहने पर 28 अगस्त डेट तय की गई. अचानक उन्होंने सूचना दी कि वे और उनके सचेतक भी नहीं आएंगे. ऐसा करना मैदान छोड़ने वाली बात हुई.''

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