झुंझुनूं: विरोध प्रदर्शन में नहीं पहुंचे कांग्रेस के सांसद-विधायक, सड़क पर उतरे थे कार्यकर्ता

कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में झुंझुनूं के कांग्रेस सांसद, विधायक और विधायक प्रत्याशी पूरी तरह से नदारद रहे. डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मैं सबसे सीनियर हूं, मैं आ गया...

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झुंझुनूं: विरोध प्रदर्शन में नहीं पहुंचे कांग्रेस के सांसद-विधायक

Rajasthan News: मनरेगा का नाम बदलने के खिलाफ सोमवार को पूरे राजस्थान में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है. राजस्थान कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर सोमवार को झुंझुनूं में भी कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए. हालांकि, झुंझुनूं में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के समय एक ऐसा नजारा देखने को मिला जो पूरे सिसायी चर्चा का विषय बना हुआ है. पूरे विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के सांसद, कोई विधायक या फिर विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहा नेता नजर नहीं आया.

'मैं सबसे सीनियर हूं, आ गया'

पूर्व मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में इस विरोध प्रदर्शन में जिले के कांग्रेस सांसद, विधायक और विधायक प्रत्याशी पूरी तरह से नदारद रहे. जब डॉ. जितेंद्र सिंह से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मंडावा विधायक कांग्रेस जिलाध्यक्ष रीटा चौधरी की माताजी की तबियत खराब है. इसलिए वे नहीं आ सकी. इसके अलावा और नेता भी कुछ कारणों से नहीं आ सके.

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मैं सबसे सीनियर हूं. मैं आ गया तो सबको ही मान लो, लेकिन सियासी गलियारों में जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक और प्रदर्शनों में बड़े नेताओं का शामिल ना होना चर्चा का विषय बना हुआ है.

केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी

बहरहाल, प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मनरेगा योजना के नाम परिवर्तन को जनविरोधी फैसला बताया. पूर्व मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पहले मनरेगा योजना में 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 10 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करती थी, लेकिन अब नाम परिवर्तन के साथ ही वित्तीय हिस्सेदारी में बदलाव कर दिया गया है. इसके तहत केंद्र सरकार की हिस्सेदारी घटाकर 60 प्रतिशत और राज्य सरकार की हिस्सेदारी बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही है. विधवा पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन सहित अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए राज्य सरकार को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में मनरेगा में राज्य सरकार पर अतिरिक्त आर्थिक भार डालना राज्यों के साथ अन्याय है. डॉ. जितेंद्र सिंह ने मनरेगा योजना का नाम बदलने को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह कदम साबरमती के संत महात्मा गांधी के सम्मान के खिलाफ है. 

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