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राजस्थान में 3000 करोड़ के फ्रॉड का बड़ा खुलासा, दुबई से चल रहा था ठगी का खेल 

राजस्थान में क्रिप्टो और फॉरेक्स निवेश के नाम पर हो रही 3000 करोड़ की ठगी में पुलिस ने सख्त कार्रवाई शुरू की है और भरतपुर पुलिस ने पांच बड़े आरोपियों को वांटेड घोषित किया है. 

राजस्थान में 3000 करोड़ के फ्रॉड का बड़ा खुलासा, दुबई से चल रहा था ठगी का खेल 
प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान में क्रिप्टो और फॉरेक्स निवेश के नाम पर चल रहे बड़े घोटाले में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. एक्सपीओ नाम की कंपनी ने फर्जी वेबसाइट और ऐप के जरिए लाखों लोगों को लूटा. अब भरतपुर पुलिस ने कंपनी के पांच बड़े लीडरों को वांटेड घोषित कर उन पर ईनाम रखा है. झुंझुनूं पुलिस भी सक्रिय हो गई है क्योंकि इनमें से तीन आरोपी वहां के हैं. एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने कहा कि आरोपियों की तलाश तेज है और एक शिकायत पर जांच चल रही है. अगर और शिकायतें आईं तो सख्त कदम उठाए जाएंगे.

फर्जी प्लेटफॉर्म से हजारों करोड़ की ठगी

पिछले महीने भरतपुर पुलिस ने इस अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड नेटवर्क को पकड़ा. एक्सपीओ डॉट आरयू नाम की साइट और ऐप पर ऊंचे रिटर्न और रेफरल बोनस का लालच देकर लोगों को फंसाया गया. मास्टरमाइंड दुबई से काम कर रहे थे जबकि भारत में जयपुर से पूरा ऑपरेशन चलता था. कंपनी किसी भी सरकारी जगह पर रजिस्टर्ड नहीं थी. वेबसाइट खुद को 2016 से रूस में चलने वाली बताती थी लेकिन असल में नवंबर 2022 से जयपुर से शुरू हुई.

देशभर में 3100 से 3500 करोड़ रुपये की ठगी हुई. नेटवर्क 20 से ज्यादा राज्यों में फैला था. राजस्थान में सबसे ज्यादा 2.07 लाख लोगों ने पैसा लगाया जबकि महाराष्ट्र में 48.53 हजार निवेशक फंसे. पुलिसकर्मी एडवोकेट और सरकारी कर्मचारी भी इसमें शामिल रहे. कुल 3.20 लाख से ज्यादा लोगों ने 7100 करोड़ रुपये डाले जिसमें 3100 करोड़ ऑनलाइन और 4000 करोड़ इंटरनल डिपॉजिट थे. इंटरनल की जांच अभी जारी है.

मुख्य आरोपी दुबई में छिपे, गिरफ्तारी की तैयारी

पहले पांच आरोपी पकड़े जा चुके हैं. आईपीएस पंकज यादव ने बताया कि फंसे पैसे लौटाने के लिए मुख्य आरोपियों को पकड़ना जरूरी है. प्लेटफॉर्म की पहली आईडी जयपुर के रजत शर्मा के नाम थी और पैसा उसके खाते में जाता था. मुख्य आरोपी रजत शर्मा (जयपुर) विजय मौर्या सुरेंद्र मौर्या (झुंझुनूं) ईश्वर वर्मा (झुंझुनूं शहर) और सुरेंद्र सैनी (बासड़ी गुढ़ा) हैं.

ये लोग सेमिनार करके एजेंटों के जरिए लोगों को फंसाते थे. शुरू में थोड़ा रिटर्न देकर भरोसा बनाते और फिर बड़े निवेश करवाते. कैश और ऑनलाइन दोनों तरीके इस्तेमाल होते थे. सभी आरोपी दुबई में हैं और भारत लौटते ही गिरफ्तार होंगे.

ईडी और सीबीआई की जांच शुरू

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने खुद ही मामले का नोटिस लिया. भरतपुर पुलिस ने ईडी को सारी जानकारी दी. कोऑपरेटिव विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को रिपोर्ट भेजी गई ताकि सीबीआई जैसी बड़ी एजेंसी जांच करे. आरोपियों के बैंक खाते फ्रीज करने के लिए एससीआरबी को चिट्ठी लिखी गई.

भरतपुर एसपी दिगंत आनंद ने कहा कि एसआईटी टीम विदेशी आरोपियों के लिए कानूनी कदम उठा रही है. अपराध से कमाई संपत्ति का हिसाब बन रहा है. केंद्रीय एजेंसियों को हर डिटेल दी जा रही है. यह कार्रवाई निवेशकों के पैसे बचाने और ठगों पर लगाम लगाने में मदद करेगी.

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