Transfer In Rajasthan: राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने शिक्षा विभाग में तबादलों और पदस्थापन को लेकर एक बार फिर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है. डोटासरा ने ट्वीट करते हुए आरोप लगाया कि ट्रांसफर बैन की आड़ में शिक्षा विभाग में खुलेआम भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है और इसमें मुख्यमंत्री कार्यालय भी दबाव में है.
डोटासरा ने कहा कि सरकार एक तरफ तो तबादलों पर बैन का ढोल पीट रही है, लेकिन दूसरी ओर शिक्षा विभाग ''बैकडोर से भ्रष्टाचार की पर्ची कटाने वालों'' को मनचाही पोस्टिंग दे रहा है. उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि ऐसा लगता है कि शिक्षा मंत्री मान बैठे हैं कि शिक्षा सुधार का सबसे बड़ा हथियार केवल ट्रांसफर करना है.
डोटासरा का दावा- एक ही स्कूल में डबल प्रिंसिपल
डोटासरा ने कहा कि 26 मई को उप-प्राचार्य से प्राचार्य के 4,224 पदों पर डीपीसी हुई थी और महज तीन दिन बाद ही पदोन्नति पाने वालों को यथास्थान पदस्थापन का आदेश जारी कर दिया गया. नतीजा यह हुआ कि जहां पहले से प्रिंसिपल मौजूद थे, वहीं नए प्रिंसिपल भी नियुक्त हो गए.
यानी कई स्कूलों में आज की तारीख में ''डबल प्रिंसिपल'' की स्थिति बन गई है. इतना ही नहीं, पदोन्नति पाने वालों में से 425 शिक्षक अपने मूल पद पर ही बिना पदस्थापन के रिटायर हो चुके हैं, जबकि बाकी करीब 3,800 अब भी भटक रहे हैं.
पारदर्शिता का पैमाना जीरो है
डोटासरा ने आरोप लगाया कि विभाग दो बार काउंसलिंग का कार्यक्रम जारी कर चुका है, पहली बार निरस्त किया और अब तारीख खिसकाकर 25 अगस्त कर दी गई है, लेकिन आज तक रिक्त पदों की सूची तक जारी नहीं की गई. उन्होंने कहा कि पारदर्शिता का पैमाना जीरो है और विभाग में ट्रांसफर के नाम पर केवल भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है.
डोटासरा ने यह भी जोड़ा कि नाराज़ शिक्षक संघ मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं, मगर ''मुख्यमंत्री जी की क्या मजाल कि वो विभागीय मंत्री और आरएसएस के गठजोड़ की मनमानी रोक पाएं.''
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