Rajasthan News: राजस्थान पुलिस ने साइबर अपराधियों पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए डीग जिले में 37 ठगों को गिरफ्तार किया है. ये ठग सोशल मीडिया पर 'यौन क्षमता बढ़ाने की दवा बेचने' और 'गाय-भैंस सस्ते दामों में देने' का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपये ठगते थे. दो दिवसीय ऑपरेशन ‘वज्र प्रहार' के तहत बृज नगर, सीकरी, जालुकी, पहाड़ी, कैथवाड़ा, जुरहरा और गोपालगढ़ थाना पुलिस ने दबिश देकर इन आरोपियों को पकड़ा है.
क्या-क्या सामान बरामद हुआ?
पुलिस ने इनके पास से 44 मोबाइल फोन, 54 सिम कार्ड, तीन मोटरसाइकिल और एक एटीएम कार्ड बरामद किया है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये सिम कार्ड और मोबाइल फोन ठगी की वारदातों को अंजाम देने और अपनी पहचान छिपाने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे.
37 साइबर ठग सलाखों के पीछे, एसपी ओमप्रकाश मीणा का बड़ा एक्शन.
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समझें किस तरह से करते थे ठगी?
आरोपियों के ठगी करने का तरीका बेहद चालाकी भरा था. ये सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन डालते थे. यौन क्षमता बढ़ाने की दवा बेचने के नाम पर लोग इनके जाल में फंस जाते थे. ठग पहले कोरियर चार्ज के नाम पर पैसे मंगवाते और फिर अलग-अलग बहानों से रकम बढ़ाते जाते. इसी तरह, ये अच्छे नस्ल की गाय-भैंस सस्ते दामों में देने का लालच देते. वीडियो दिखाकर भरोसा जीतते और फिर ट्रांसपोर्ट चार्ज के नाम पर ठगी शुरू कर देते. धीरे-धीरे शिकार से हजारों रुपये निकलवा लेते. पीड़ित को जब तक ठगी का एहसास होता था, तब तक वह अक्सर ₹50,000 तक का नुकसान झेल चुका होता था.
सेक्सटॉर्शन का जाल भी बिछाते थे
इतना ही नहीं, ये ठग सेक्सटॉर्शन के जाल भी बिछाते थे. फर्जी अकाउंट बनाकर युवाओं को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते, फिर वीडियो कॉल पर अश्लील वीडियो दिखाकर उसे रिकॉर्ड कर लेते. बाद में वीडियो वायरल करने की धमकी देकर लाखों रुपये वसूलते. कई बार ये खुद को पुलिस अधिकारी बताकर भी डराते थे.
'3 महीने 300 साइबर ठग गिरफ्तार'
डीग जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) ओमप्रकाश मीणा के निर्देशन में यह कार्रवाई एक बड़ी सफलता मानी जा रही है. पुलिस ने खुलासा किया है कि पिछले तीन महीनों के अंतराल में, डीग पुलिस अब तक 300 से अधिक साइबर ठगों को गिरफ्तार कर चुकी है. यह आंकड़ा राजस्थान में साइबर अपराध के खिलाफ चल रहे निर्णायक अभियान की गंभीरता को दर्शाता है. सभी गिरफ्तार साइबर ठगों से पुलिस गहनता से पूछताछ कर रही है, और उम्मीद है कि इस कार्रवाई से साइबर ठगी के कई और बड़े नेटवर्क और मॉड्यूल का खुलासा हो सकता है.
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