Rajasthan News: राजस्थान की धरती हमेशा से अपनी अनूठी परंपराओं और भव्य आयोजनों के लिए जानी जाती रही है. लेकिन, इस बार उदयपुर जिले के खेरवाड़ा तहसील के एक छोटे से गांव बावलवाड़ा ने एक ऐसा नजारा पेश किया, जिसकी चर्चा सिर्फ राजस्थान ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्य गुजरात तक हो रही है. इस बार यहां बारातियों की अगवानी ढोल-नगाड़ों से नहीं, बल्कि एक उड़ते हुए हेलीकॉप्टर ने की. ग्रामीणों के लिए यह किसी सपने से कम नहीं था. जब गांव के लाल प्रग्नेश पंचाल अपनी दुल्हनिया को लेने हवाई मार्ग से गुजरात के साबरकांठा जिले पहुंचे, और फिर उसी शाही सवारी में अपनी नवविवाहिता को लेकर लौटे, तो पूरे इलाके में उत्साह का माहौल बन गया.
उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे के पास का गांव
यह घटना उदयपुर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे के पास बसे खेरवाड़ा इलाके के बावलवाड़ा गांव की है. दूल्हा, प्रग्नेश पंचाल, इसी गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने गुजरात के साबरकांठा जिले में अपनी शादी के लिए एक ऐसा फैसला लिया जिसने उनके पूरे गांव को एक यादगार अनुभव दे दिया. बारात को ले जाने और दुल्हन को वापस लाने के लिए प्रग्नेश पंचाल ने एक निजी हेलीकॉप्टर का इंतजाम किया. यह अपने आप में एक बड़ा कदम था, क्योंकि बावलवाड़ा जैसे ग्रामीण क्षेत्र में ऐसा नजारा पहली बार देखा गया.
सीनियर सेकेंडरी स्कूल का मैदान बना 'हेलीपैड'
सुरक्षा और लैंडिंग की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, गांव के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विशाल मैदान को अस्थाई हेलीपैड में तब्दील किया गया. यह स्थानीय प्रशासन और आयोजकों के समन्वय से संभव हो पाया. जैसे ही आसमान में हेलीकॉप्टर की गड़गड़ाहट सुनाई दी, गांव में उत्साह की लहर दौड़ गई. आम तौर पर, ग्रामीण इलाकों में बारातें पारंपरिक तरीकों जैसे घोड़ी, कार या बसों से जाती हैं. ऐसे में हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करना, खासकर दूर-दराज के क्षेत्रों में, एक स्टेटस सिंबल और यादगार पल बनाने की निशानी बन जाता है.
पहाड़ियों पर चढ़कर ग्रामीणों ने देखा दृश्य
हेलीकॉप्टर को देखने के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा. सिर्फ गांव के लोग ही नहीं, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग इस अनूठे नजारे को अपनी आंखों में कैद करने के लिए बावलवाड़ा पहुंचे. गांव के चारों ओर जो पहाड़ियां हैं, उन पर भी लोग चढ़ गए. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई इस दृश्य को देखने के लिए बेताब था. पुलिस और स्थानीय वॉलेंटियर्स को भीड़ को नियंत्रित करने में थोड़ी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन यह माहौल पूरी तरह से उत्सव भरा था.
दुल्हन की 'शाही एंट्री'
बारात जाने के बाद जब दूल्हा प्रग्नेश पंचाल अपनी दुल्हनिया के साथ हेलीकॉप्टर से वापस लौटे, तो माहौल और भी भावुक और शानदार हो गया. दुल्हन के लिए यह किसी राजकुमारी की तरह गांव में प्रवेश करने जैसा था. हेलीकॉप्टर से उतरते ही नवदंपति का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया. स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार किसी बारात को इस तरह से हवाई मार्ग से आते-जाते देखा है. यह शादी अब सिर्फ एक पारिवारिक आयोजन नहीं, बल्कि पूरे खेरवाड़ा क्षेत्र की एक यादगार घटना बन गई है, जो 'बावलवाड़ा की हेलीकॉप्टर बारात' के नाम से लंबे समय तक चर्चा में रहेगी.
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