एक साल से नहीं मिल रही थी सरकारी योजना की राशि, जनसुनवाई में कलेक्टर के आदेश से आधे घंटे में मिला पैसा

राजस्थान के डीग जिले में गुरुवार को जिला कलेक्टर ने एक जनसुनवाई आयोजित कि जिसमें उनके सामने एक मामला आया, जिसके तहत एक परिवादी को कन्यादान योजना का लाभ नहीं मिला. इसके बाद जिलाअधिकारी ने मौके पर ही उनको योजना का लाभ दिया.

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जनसुनवाई के दौरान जिला कलेक्टर.

Rajasthan News: राजस्थान में डीग जिले के कलेक्टर उत्सव कौशल द्वारा गुरुवार को पंचायत समिति सभागार में जिला स्तरीय जनसुनवाई आयोजित की गई. जिसमें जिला अधिकारी का एक नया अंदाज देखने को मिला. जनसुनवाई में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग से संबंधित एक प्रकरण सामने आया. जिसमें एक साल से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत लाभ दिलाने के लिए आवेदन दिया गया था.

इस प्रकरण को विभाग ने भी स्वीकृति दे दी लेकिन उसके बाद भी परिवादी को योजना का लाभ नहीं मिला था. इस समस्या को जिला कलेक्टर ने गंभीरता से लिया और मौके पर ही परिवादी को योजना का लाभ दिलाया. 

कलेक्टर ने अपने हाथों से दी लाभ राशि

जानकारी के अनुसार, इस मामले में जिला परिवीक्षा और समाज कल्याण के अधिकारी ने जानकारी दी गई कि भरतपुर से नया जिला डीग बनने के बाद इनका आवेदन डीग के आवेदन पत्र पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं हो रहा था. जिसके कारण परिवादी को लाभ नहीं दिया जा सका. इसके बाद जिला कलेक्टर ने समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया कि वे संबंधित अधिकारी से समन्वय कर जनसुनवाई के दौरान ही परिवादी को राहत प्रदान करें. इसके बाद अधिकारी के हरकत में आए और कलेक्टर के हाथों से ही परिवादी को योजना का लाभ दिया गया. 

जनसुनवाई में 13 परिवाद हुए दर्ज

इसके बाद जिला कलेक्टर ने कहा कि अधिकारी अपने से ही पहल कर के आमजन की समस्या का निस्तारण करवाए ताकि पात्र व्यक्तियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़े. इस दौरान कुल 13 परिवाद दर्ज किए गए जिनमें खाद्य सुरक्षा, बंटवारे, राजस्व में नाम शुद्धिकरण, चम्बल प्रोजेक्ट की लाइन डालने सहित अन्य परिवाद आए. 

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अधिकतम 41 हजार मिलती है कन्यादान राशि

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का उद्देश्य सभी वर्गों के बीपीएल परिवार, विधवा की पुत्रियों, विशेष योग्यजन माता-पिता की पुत्रियों, आस्था कार्डधारी परिवार की पुत्रियों, पालनहार योजना में लाभान्वित पुत्री, अनाथ कन्या और महिला खिलाडी की स्वयं के विवाह पर उक्त परिवारों को आर्थिक सम्बल प्रदान करना है. इस योजना के अंतर्गत न्यूनतम देय राशि 21000 रुपए है और दसवीं कक्षा उत्तीर्ण होने पर देय राशि 31000 रुपए है. वहीं स्नातक उत्तीर्ण होने पर 41000 की राशि देय होती हैं.

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