Rajasthan News: राजस्थान में निशुल्क दवा योजना के तहत मिले खांसी के सिरप (Cough Syrup) से बच्चों की तबीयत बिगड़ने और मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस गंभीर घटना पर राज्य की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी (Diya Kumari) ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है. सोमवार रात जोधपुर (Jodhpur) में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने कहा, 'इस मामले में जांच तेजी से की जा रही है. इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट के आधार पर हम कार्रवाई करेंगे. अगर कोई भी क्राइम नजर आता है या साबित होता है तो निश्चित रूप से हमारी सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा.'
1 बच्चे की मौत, कुछ अस्पताल में भर्ती
यह पूरा मामला डैक्सट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप (Dextromethorphan Hydrobromide Cough Syrup) से जुड़ा है, जो सरकारी अस्पतालों में मरीजों को फ्री में दिया जाता था. इसी सिरप को पीने के बाद सीकर जिले के श्रीमाधोपुर में 5 साल के एक बच्चे की मौत हो गई. वहीं, जयपुर के दूदू की रहने वाली 2 साल की यश्वी सिरप पीने के बाद बेसुध हो गई. फिलहाल जयपुर के एक प्राइवेट अस्पताल के ICU में वो भर्ती है और जिंदगी-मौत के बीच जूझ रही है. ठीक ऐसे ही, भरतपुर के कलासड़ा गांव में भी इसी सिरप से एक बच्चे की हालत बिगड़ी. सीकर जिले के श्रीमाधोपुर के हाथीदेह के दो अन्य बच्चों की हालत भी सिरप पीने के बाद बिगड़ी थी, जिन्हें जेके लोन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. हालांकि, बाद में उन्हें ठीक होने पर छुट्टी दे दी गई थी.
दवा कंपनी का विवादित इतिहास
जिस सिरप से बच्चों की तबीयत बिगड़ी है, उसकी सप्लाई इसी साल जून में शुरू हुई थी और इसे जयपुर की कायसन फार्मा कंपनी बनाती है. जानकारी के मुताबिक, इस कंपनी का रिकॉर्ड पहले भी विवादों में रहा है. 5 अक्टूबर 2023 को इसी कंपनी की खांसी की दवा का एक अन्य बैच (KL-22/359) 'नॉट ऑफ स्टैंडर्ड' (गुणवत्ता के मानकों पर खरा न उतरने वाला) घोषित किया गया था.
सरकार ने सिरप पर लगाई रोक
लगातार मामलों के सामने आने के बाद राजस्थान मेडिकल सर्विसेज़ कॉर्पोरेशन लिमिटेड (RMSCL) ने इस सिरप के एक विशेष बैच (19 नंबर बैच) के वितरण पर पूरे राज्य में तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. RMSCL के कार्यकारी निदेशक जयसिंह ने बताया कि सिरप के दो बैच की जांच कराई जा रही है और बाकी बचे 19 बैचों पर भी रोक लगा दी गई है. स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने भी पुष्टि की है कि दवा का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी. उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के आश्वासन से यह साफ है कि सरकार इस मामले में कोई ढील नहीं बरतेगी और जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर निश्चित रूप से कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें:- बारिश भी दुनिया के सबसे ऊंचे रावण का कुछ नहीं बिगाड़ सकी, अब होगा इसका दहन