Gangapur City News: गंगापुर सिटी जिले के सरकारी अस्पताल में लंबे समय से डायलिसिस की सुविधा नहीं होने से मरीज काफी परेशान थे. इसके लिए उन्हें निजी अस्पतालों या करौली, सवाई माधोपुर या जयपुर के अस्पतालों में जाना पड़ता था. ऐसे में जिले के किडनी मरीजों को अब बड़ी राहत मिलने वाली है. क्योंकि अब जिला अस्पताल में दो डायलिसिस मशीनें लाई गई हैं. इन मशीनों के आने से मरीजों को काफी सुविधा मिलेगी. इसके लिए अस्पताल में बने इमरजेंसी वार्ड की दूसरी मंजिल पर अलग वार्ड बनाकर उसकी रंगाई-पुताई, बिजली की फिटिंग और मशीनें सहित सारे काम पूरे कर दिए गए हैं. इसमें दो बेड लगाए जाएंगे। एक बेड रिजर्व रखा जाएगा. इसके खरखाव, सफाई, सैनिटाइजेशन का काम जिला अस्पताल की देख रेख में रहेगा.
आयुष्मान कार्ड के बिना होगा इलाज
पीएमओ दिनेश गुप्ता ने बताया कि जिला अस्पताल में जल्द ही डायलिसिस सेंटर की सुविधा शुरू हो जाएगी. इसमें स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी. यह मरीजों के लिए 24 घंटे खुला रहेगा. इस डायलिसिस सेंटर में टेक्नीशियन, सफाई कर्मचारी, एक स्पेशलिस्ट और एक मेडिकल स्पेशलिस्ट रहेंगे. इसमें मरीजों को पूरी सुविधा फ्री में मिलेगी. इसमें आयुष्मान कार्ड की जरूरत नहीं होगी. वही इसमें जिला अस्पताल के डॉक्टरों की सलाह पर ही डायलिसिस हो सकेगा.
2600 रुपए आता है डायलिसिस कराने का खर्च
पीएमओ दिनेश गुप्ता ने बताया आगे बताया कि आमतौर पर निजी अस्पताल में एक डायलिसिस कराने का 2600 रुपए का खर्च आता है. और एक व्यक्ति को सप्ताह में कम से कम दो बार डायलिसिस की जरूरत पड़ती है. ऐसे में जिला अस्पताल में डायलिसिस होने पर मरीजों के पैसे बचेंगे.
क्यों कराया जाता है डायलिसिस
किडनी में खराबी आने के कारण या उसके पेल होने की स्थिति मरीज को डायलिसिस का सहारा लेना पड़ता है. जिससे मरीज की किडनी में जमा हुए खराब उत्पादों और अधिक पानी को बाहर निकाला जाता है. राजकीय जिला अस्पताल में डायलिसिस सेटर स्थापित होने से लोगों को नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा मिलेगी.